मैं धार्मिक ठेकेदारों के देश में नहीं रहता: इरफान खान

अभिनेता इरफान ख़ान ने शुक्रवार को फेसबुक के जरिये उनका विरोध कर रहे तथाकथित धर्म गुरुओं को तगड़ा जवाब दिया। उन्होंने अपने फेसबुक स्टेटस में धर्म का अर्थ समझाते हुए लिखा है कि धर्म व्यक्तिगत आत्मविश्लेषण के बारे में है। ये करुणा, ज्ञान और संयम का स्रोत है न की कट्टरपंथ और रूढ़िवाद का। इसके साथ ही इरफान ने #FREEDOM भी शुरू किया।

मैं धार्मिक ठेकेदारों के देश में नहीं रहता : इरफान
मुंबई। ख़ुद को अंतरराष्ट्रीय अभिनेता के रूप में स्थापित कर चुके इरफ़ान जानवरों की कुर्बानी को लेकर दिए बयान पर कायम हैं।

शुक्रवार को उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'प्लीज़ भाइयों, जो मेरे बयान से दुखी हैं, या तो वो आत्मविश्लेषण के लिए तैयार नहीं है या नतीजे पर पहुंचने की जल्दी में हैं। मेरे लिए धर्म का मतलब व्यक्तिगत आत्मविश्लेषण करने से जुड़ा है। ये करुणा, ज्ञान और संयम का स्रोत है न की कट्टरपंथ और रूढ़िवाद का।'
कुर्बानी वाले बयान पर धार्मिक ठेकेदारों को इरफान ने लताड़ा

वे आगे  लिखते हैं कि मैं धर्म गुरुओं से नहीं डरता। ख़ुदा का शुक्र है कि मैं ऐसे देश में नहीं रहता जहां धार्मिक ठेकेदारों का राज चलता हो।

इस बयान से मचा बवाल

इरफान खान ने अपनी फिल्म 'मदारी' के प्रोमोशन के दौरान कहा था, 'हमारी बहुत सी परंपराएं हैं, बहुत से त्यौहार हैं लेकिन हम त्यौहारों के असली मायने भूल गए हैं। अब हम उनका उपहास करने लगे हैं। क़ुर्बानी का मतलब अपनी कोई प्यारी चीज़ क़ुर्बान करना होता है। हाल ही में बकरों को मुख्य भोज्य स्रोत मान लिया गया है। यहां कई लोह हैं, जिन्हें पर्याप्त भोजन भी नहीं मिल पा रहा है।  आ है  यह नहीं कि बाज़ार से आप कोई दो बकरे ख़रीद लाए और उनको क़ुर्बान कर दिया.'

इरफान के मुताबिक, 'ये गलत है कि ईद से दो दिन पहले बकरा खरीद लें और उसकी कुर्बानी दी जाए। जब आपको उन बकरों से कोई लेना-देना नहीं है तो वो कुर्बानी कहां से हुई? उन्होंने कहा कि इससे कौन-सी दुआ कुबूल होती है? हर आदमी अपने दिल से पूछे कि किसी और की जान लेने से उसको कैसे पुण्य मिल जाएगा।'


इरफान ने आगे कहा कि भारत में ज्यादातर धर्मों के लोगों ने अपने रीति-रिवाजों का ग़लत मतलब समझ लिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म का सम्मान तभी होगा जब हमें उसके बारे में पूरी जानकारी होगी। इरफान के इस बयान के बाद उनकी जमकर आलोचना भी हुई।

मिल रहा है समर्थन

इरफान के ताज़ा पोस्ट पर उन्हें ख़ूब समर्थन मिल रहा है। सोशल मीडिया पर उनका स्टेट्स भी पोस्ट किए जाने के आधे घंटे की भीतर ही चार सौ से ज़्यादा बार शेयर किया गया।

पीयूष दीक्षित ने लिखा है कि ये सभी धर्मों के बारे में सही है। शायद ये धर्मों से आगे बढ़कर और भारतीय होकर सोचने का वक़्त है। धर्म के नाम पर देश बर्बाद हो रहा है। 

वहीं अथर आलम ने ख़ुद को इरफान का प्रशंसक कहते हुए लिखते हैं कि मैं आपका प्रशंसक हूं लेकिन इस विषय पर आपको समझना होगा कि क़ुर्बानी कैसे शुरू हुई और क़ुर्बानी के बाद इस्लाम के अनुसार क्या किया जाना चाहिए। 

ग़ौरतलब है कि 15 जुलाई को इरफान की फिल्म 'मदारी' रिलीज होने वाली है। फिल्म में इरफान ही लीड रोल में हैं, जो अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए गृह मंत्री के बेटे का अपहरण कर लेता है। फिल्म को निशिकांत कामत ने डायरेक्ट किया है।

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