फिल्म समीक्षा: मोहेनजो दारो

अरसे बाद ऋतिक रोशन और आशुतोष गोवारिकर की जोड़ी सिल्वर स्क्रीन पर आई है। इन दोनों की जोड़ी ने 'जोधा अकबर' जैसी सफल फिल्म दी है, तो इस फिल्म को लेकर भी दर्शकों को काफी उम्मीद है। दोनों की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'मोहेनजो दारो ' रिलीज़ हो चुकी है। इसमें प्री-हिस्टोरिक इंडस वैली सिविलाइजेशन के समय को परदे पर उतारा गया है। फिर आइए करते हैं फिल्म की समीक्षा...

फिल्म : मोहेनजो दारो
निर्माता : आशुतोष गोवारिकर प्रोडक्शन प्रा.लि.
निर्देशक: आशुतोष गोवारिकर
कलाकार : ऋतिक रोशन, पूजा हेगड़े, कबीर बेदी, सुहासिनी मुले, नितीश भारद्वाज और अरुणोदय सिंह
संगीतकार : ए आर रहमान
जॉनर : पीरियड ड्रामा
रेटिंग : 2/5


ऋतिक रोशन की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'मोहेनजो दारो' रिलीज़ हो चुकी है। यह एक पीरियड ड्रामा है, जिसमें प्री-हिस्टोरिक इंडस वैली की प्रेम कहानी को दिखाया गया है। यह फिल्म आशुतोष गोवारिकर के साथ ऋतिक रोशन के लिए भी काफी अहम है।


कहानी

कहानी आमरी गांव के एक किसान के बेटे सरमन (ऋतिक रोशन) की है, जो मशहूर नगर 'मोहेनजो दारो' जाने का सपना देखता है और एक दिन वहां पहुंच भी जाता है। उस नगर में सरमन को वहां के पुजारी की बेटी चानी (पूजा हेगड़े) से प्यार हो जाता है, लेकिन चानी की शादी वहां के महम (कबीर बेदी) से तय हो चुकी है। 

महम सरमन को एक चुनौती देता है और कहता है कि यदि वह इस चुनौती में खरा उतरेगा, तो वो चानी को छोड़ देगा। सरमन इस चुनौती को पूरा कर पाता है या नहीं? चानी किसकी होती है? यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।


निर्देशन

फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। प्री-हिस्टोरिक इंडस वैली को दिखाने के लिए आशुतोष की मेहनत और रिसर्च वर्क साफ दिखाई देता है। लेकिन फिल्मों की लंबाई के लिए जाने जाने वाले आशुतोष इस बार भी अपने हाथों को रोक नहीं पाए और लंबी फिल्म बना डाली। इसमें काफी एडिटिंग की गुंजाइश नज़र आती है।


अभिनय

ऋतिक रोशन किरदार में खूब जमे और पूजा हेगड़े का भी काम ठीक-ठाक ही रहा। कबीर बेदी, अरुणोदय सिंह, नितीश भारद्वाज और सुहासिनी मुले ने भी बेहतरीन काम किया है।


संगीत

फिल्म में म्यूजिक ए आर रहमान का है, जो रिलीज से पहले ही हिट चुका है हो। 'तू है ...' और 'सरसरिया' सहित सभी गाने सुनने में अच्छे लगते हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक भी ठीक है।


ख़ास बात

यदि आप ऋतिक रोशन के प्रशंसक हैं और पीरियड ड्रामा देखना पसंद करते हैं, ये फिल्म आप झेल सकते हैं।

संबंधित ख़बरें
फिल्म समीक्षा : रुस्तम