75 रुपए थी सलमान की पहली कमाई

बॉलीवुड के दबंग खान यानी सलमान खान ने आज पचास साल के हो गए हैं। वे बीते 26 सालों से बॉलीवुड पर राज कर रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी वो किसी पच्चीस साल के युवा की तरह ही दिखते हैं। करियर की शुरुआती दौर में धक्के खाने के बाद, वे आज ऐसे मुकाम पर हैं, जहां फ़िल्में हिट कराने के लिए उनका नाम ही काफ़ी है। जाने माने पटकथा लेखक सलीम खान के बेटे होने के बाद भी सलमान ने काफ़ी संघर्ष किए हैं। आइए सलमान से सुपरस्टार सलमान बनने की कहानी पर नज़र डालते हैं ....

सलमान खान का जन्म 27 दिसंबर 1965 में इंदौर में हुआ था।
मुंबई। सलमान खान बॉलीवुड के सितारों में अपनी अलग छवि के लिए जाने जाते हैं। जो लोग उन्हें करीब से जानते हैं, वो उनकी फ़ितरत नारियल की तरह बताते हैं। यानी बाहर से सख्त और भीतर से कोमल। 

एक वो जमाना था, जब सलमान अपने करियर की गाड़ी को चलाने के लिए कई स्टूडियो के धक्के खाया करते थे, अौर अब एक ये जमाना है, जब उन्होंने कईयों के करियर के रॉकेट को लॉन्च किया है।

आइए बात करते हैं उनके सफर की शुरुआत की। सलमान यानी सल्लू का जन्म 27 दिसंबर 1965 में इंदौर में हुआ था। सलमान के पिता सलीम खान फिल्म इंडस्ट्री के जानेमाने स्क्रिप्ट राइटर हैं, उनकी मां का नाम सलमा हैं। 

सलमान की मां हिंदू हैं, इसलिए खुद सलमान कई बार कह चुके हैं कि वो आधे हिंदू हैं और आधे मुस्लिम। उनके घर में दिवाली और गणपति उत्सव से लेकर ईद तक हर त्योहार उसी उल्लास से मनाया जाता है। सलमान ने अपनी शुरुआती पढ़ाई ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से की थी। उसके बाद वो मुंबई आ गए और आगे की पढ़ाई यहीं की।

पहली कमाई 75 रुपए

आज करोड़ों की फीस लेने वाले सलमान की पहली कमाई महज 75 रुपए थी। जी हां, सल्लू ने महज 15 साल की उम्र में पहली बार कैमरा फेस किया था। उनका पहला प्रोजेक्ट कैंपा कोला का विज्ञापन था। दरअसल, उस समय एड गुरु सुरेंद्र नाथ को एक लड़का चाहिए था, जो अच्छा स्वीमर हो।

सलमान को यह एक मौक़ा लगा और वे मिलने पहुंच गए, लेकिन सुरेंद्र नाथ को सलमान बच्चे लगे। सल्लू ने हाथ से मौक़ा जाते देख अपनी शर्ट उतार दी। जब सुरेंद्र ने उनकी बॉडी देखी, तो झट से वे इस रोल को देने के लिए मान गए।

चपरासी ने धक्के मार के बाहर निकाला

आज जिनसे मिलने के लोग तरसा करते हैं, एक वक्त ऐसा था, जब उसे निर्देशकों के दफ़्तरों से बाहर फेंक दिया जाता था। और पूरा पूरा दिन सलमान किसी निर्देशक के आफिस के बाहर बीता देते थे। उन किस्सों में से एक किस्सा है बी ग्रेड के निर्देशक आनंद गिरधर का। सलमान उनसे काम मांगने गए। आनंद गिरधर ने सलमान की पूरी बात होने से पहले ही अपने चपरासी को बुलाकर उन्हें बाहर निकाल दिया था।

दरअसल आनंद उस समय 'बदनाम' नाम की कोई फ़िल्म कर रहे थे, जिसके 35 साल के टीचर का किरदार निभाना था। अब उस किरदार को करने के लिए सलमान उनसे जबरदस्ती करने लगे। खैर, जब सलमान को लगा कि कैमरे के सामने का उन्हें रोल तो नहीं मिल रहा, तो क्यों न कैमरे के पीछे का ही कुछ काम कर लिया जाए। 

उस समय निर्देशक शशि लाल नायर के साथ बतौर असिस्टेंट काम करना शुरू कर दिया। सेट पर समय से पहुंच जाया करते थे। आज गाड़ियों के रेले वाले सलमान खान तब बसों में धक्के खाते जाते थे।

पहली फ़िल्म

सलमान को पहली फ़िल्म भी किस्मत से ही मिली थी। आपको बता दें कि उनके करियर की पहली फ़िल्म थी 'बीबी हो तो ऐसी'। वर्ष 1988 में आई इस फ़िल्म में सलमान अभिनेता फारुख़ शेख के छोटे भाई बने थे। 

दरअसल, निर्देशक जे के बिहारी महिला प्रधान फ़िल्म बना रहे थे। बाकी सारी स्टारकास्ट फाइनल हो चुकी थी, बस फारुख़ शेख के छोटे भाई की भूमिका के लिए कोई नहीं मिला। 

कईयों स्क्रीन टेस्ट लेने के बाद बिहरी थक गए और आखिर में ऐलान किया कि अब जो भी स्क्रीन टेस्ट के लिए आएगा, उसे ही यह रोल दे दूंगा। सलमान ने वो टेस्ट दिया और उन्हें इसके लिए चुन लिया गया। 

हालांकि, रोल काफ़ी छोटा था और फ़िल्म भी कुछ ख़ास नहीं चली। तो ज़ाहिर है उन्हें किसी ने नोटिस भी नहीं किया। लेकिन सलमान खुद की प्रतिभा को अांक चुके थे और एक्टर बनने का अपना स्ट्रगल उन्होंने शुरू कर दिया। 

अब वे हर दरवाजे पर जाकर दस्तक लगाते, काम मांगते। घंटो प्रोडक्शन हाउस के बाहर बैठे रहते। ये वो दौर था, जब जैकी, आमिर, कुमार गौरव संजय दत्त और अजय देवगन बॉलीवुड में पैर जमा रहे थे।

पहली सुपरहिट फ़िल्म

पहली फ़िल्म के रिलीज़ होने के एक साल बाद उन्हें सूरज बड़जात्या ने ब्रेक दिया। वर्ष 1989 में सूरज 'मैंने प्यार किया' नाम की फ़िल्म बना रहे थे। इसके लिए मुख्य किरदार के रूप में उन्होंने सलमान को लिया। 

हालांकि, सलमान, सूरज की पहली पसंद नहीं थे। इस रोल के लिए सूरज ने बिंदू दारा सिंह और दीपक तिजोरी को ऑफर दिया था। लेकिन किस्मत से यह भूमिका सलमान की झोली में आई। 

इस फ़िल्म ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया। बेस्ट न्यूकमर का अवॉर्ड भी जीता। लेकिन, इतनी सफलता के बाद फिर कई महीनों तक सलमान बिना फ़िल्मों के रहे। सलमान दुखी रहने लगे थे, उनको दुख से उबारने के लिए सलीम ख़ान ने अपने दोस्त जीपी सिप्पी से झूठी घोषणा करने को कहा। 

अगले दिन अखबार में यह खबर थी कि जी पी सिप्पी ने सलमान को अपनी अगली फ़िल्म के लिए साइन किया है। इस ख़बर के बाद अनंत बलानी ने फ़िल्म 'पत्थर के फूल' के लिए साइन कर लिया। 

नब्बे का दशक सलमान के लिए उम्मीदे लेकर आया था। 'पत्थर के फूल', 'बागी', 'साजन' सरीखी फ़िल्मों में काम किया, जिसने सलमान को सितारा बना दिया। 'बागी' में तो सलमान के एक्शन सीन्स भी देखने को मिले।

रचा इतिहास

सलमान के करियर की गाड़ी चल तो रही थी, लेकिन सरपट दौड़ने के बजाये धक्के और हिचकोले लग रहे थे। जो फ़िल्में हिट हो रही थीं, उसमें अन्य कलाकरों को क्रेडिट मिल रहा था, और फ्लॉप फ़िल्मों की तादात बढ़ती जा रही थी। 

लेकिन, सलमान की गाड़ी को स्पीड देने के लिए सूरज बड़जात्या एकबार फिर सामने आए। अबकी बार सूरज 'हम आपके है कौन' का ऑफर लेकर आए। वर्ष 1994 में रिलीज हुई यह फ़िल्म 'नदिया के पार' की रीमेक थी। 

लेकिन इसने बॉक्स ऑफिर पर अपना परचम फहरा दिया और सलमान की गाड़ी फुल स्पीड में भगाया। इसके बाद उनकी आमिर के साथ 'अंदाज अपना-अपना', शाहरुख के साथ 'करण अर्जुन' आई, जो इतिहास में दर्ज हो चुकी हैं। 1995 आते आते सलमान स्थापित अदाकार की श्रेणी में आ चुके थे। इसके बाद कई सुपरहिट फ़िल्में उनके खाते में दर्ज हो गईं।

बैड बॉय इमेज

सफलताओं के दौर के साथ एक ऐसा दौर आया, जब मीडिया के सामने उनकी छवि 'बैड बॉय' की बन गई। वो दौर था वर्ष 2000 से लेकर 2002 का। इस दौरान तो ऐश्वर्या राय से उनका ब्रेकअप हुआ था और फिर एक फ़िल्म के सेट पर ऐश से झगड़ा। 

अभी यह सब चल ही रहा था था कि 28 सितंबर 2002 की आधी रात को एक ऐसी घटना घटी, जिसने सलमान की ज़िंदगी ही बदल दी। दरअसल, उस रात सलमान की गाड़ी से कुचलकर एक आदमी की मौत हो गई थी और कई लोग जख्मी हुए थे। उन पर 'हिट एंड रन' का मामला दर्ज है। जिसके चलते वो जेल भी गए। 

अभी इस केस को झेल ही रहे थे कि 17 फरवरी 2006 को चिंकारा मामले में एक साल की जेल भी हुई। 10 अप्रैल को उन्हें रिमांड पर जोधपुर जेल भेज दिया गया, जहां 13 अप्रैल तक रहे, फिर जमानत पर छोड़ दिए गए।


सलमान खान का पहला विज्ञापन

छोटे पर्दे के बड़े स्टार

सलमान खान बड़े परदे के ही नहीं, बल्कि छोटे परदे के भी बादशाह हैं। उन्होंने वर्ष 2008 में शाे 'दस का दम' से बतौर एंकर छोटे परदे पर कदम रखा था, उसके बाद वर्ष 2009 से लगातार 'बगि बॉस' को होस्ट कर रहे हैं। 

अब बिग बॉस का चेहरा सलमान ख़ान ही हैं। बिना उनके इस शो की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। इस शो के लिए सलमान को मोटी रकम मिलती है।