कोमा में जा रहे अमजद खान को अमिताभ बच्चन ने दिया था खून

एक वक़्त ऐसा था, जब अभिनेता अमजद खान सपरिवार एक दुर्घटना के शिकार हो गए और उनके पास कोई भी अपना कहने वाला नहीं था। ऐसे में सामने आए अमजद के अजीज दोस्त अमिताभ बच्चन, जिन्होंने न सिर्फ बुरी तरह घायल अमजद को अपना खून दिया, बल्कि ऑपरेशन के डॉक्यूमेंट्स पर साइन भी किए। आज अमजद खान को गए हुए पूरे 25 साल हो गए हैं।

अमजद खान का वजन एक भयानक एक्सीडेंट के बाद दी गई दवाइयों के असर से बढ़ा, जो घातक सिद्ध हुआ।
मुंबई। ‘शोले’, ‘नास्तिक’, ‘कालिया’ और ‘लावारिस’ सरीखी कई फिल्मों में अमिताभ बच्चन और अमजद खान को स्क्रीन शेयर करते देखा गया। अधिकतर फिल्मों में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े नज़र आते ये दोनों कलाकारों में पक्की दोस्ती हुआ करती थी।

अमजद खान के साथ की दोस्ती को आज भी अमिताभ निभाते हैं। उनके बेटे की लिखी गई किताब के लोकार्पण के लिए अमिताभ खुद पहुंचे थे।

खैर, आज अमजद खान को फानी दुनिया को अलविदा कहे 25 साल हो गए हैं। इस मौक़े हम आपको उनकी ज़िंदगी से जुड़े एक क़िस्से के बारे में बताते हैं।

साल 1978 में फिल्म ‘ग्रेट गैम्बलर’ की शूटिंग के लिए अमजद खान पूरे परिवार के साथ गोवा जा रहे थे। तभी गोवा हाइवे पर उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया। कार अमजद ही चला रहे थे। इस एक्सीडेंट में पत्नी-बच्चे बुरी तरह से घायल हो गए। सभी को पणजी के मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया गया।

इस एक्सीडेंट की ख़बर मिलते ही अमिताभ के साथ ‘ग्रेट गेम्बलर’ की पूरी टीम पणजी पहुंची। अमजद खान की पत्नी और बच्चे बुरी तरह घायल थे, लेकिन अमजद की हालत बहुत गंभीर थी। उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और फेफडे भी बुरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं। खून बहुत ज़्यादा बह गया था, जिसकी वजह से वो धीरे-धीरे कोमा में जा रहे थे।

अमजद की इस हालत को देखते हुए डॉक्टर्स ने तुरंत ऑपरेशन करने की सलाह दी, लेकिन ऑपरेशन से पहले कुछ डॉक्यूमेंट साइन करने होते हैं, जिसके लिए परिवार का कोई भी सदस्य वहां मौजूद नहीं था। इस स्थिति में अमिताभ सामने आए और उन्होंने अपने दोस्त को ऑपरेशन के लिए डॉक्यूमेंट साइन किया। साथ ही अमजद को खून की कमी भी हो रही थी, जिसके लिए अमिताभ ने अपना खून भी दिया।

जब तक अमजद खान को होश नहीं आया अमिताभ अस्पताल की बेंच पर बैठे रहे और अमजद के ठीक होने के लिए भगवान से प्रार्थना करते रहे। अमजद को होश आया और वो कुछ बेहतर हुए, तो उनको मुंबई के नानावटी अस्पताल में एडमिट करवाया गया। जहां वो धीरे-धीरे रिकवर हुए और फिर फिल्मों में कुछ सालों बाद सक्रिय हुए।

कहा जाता है कि इस एक्सीडेंट के बाद ही अमजद का वजह बढ़ने लगा था। दरअसल, उनके बढ़ते वजह की वजह दवाइयों का रिएक्शन था। बढ़ते वजन की वजह से उनको कई स्वास्थगत परेशानियां हुईं।

अमजद खान का 27 जुलाई 1992 को महज 52 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन के बाद ‘रुदाली’, ‘बैचेन’, ‘अनोखी चाल’ समेत उनकी तकरबीनब दस फिल्में रिलीज़ हुईं थी।

ग्रेट गैम्बलर रही ‘अनलकी’

यह फिल्म अमजद खान के लिए बेहद अनलकी रही। जिस दिन अमजद ने इस फिल्म को साइन किया, उसी दिन उनके पिता जयंत का निधन हो गया। जयंत मशहूर चरित्र अभिनेता थे। ख़ैर, जब अमजद इस फिल्म के पहले शेड्यूल के लिए रवाना हुए, तो भयानक एक्सीडेंट के शिकार हो गए।

बाद में इस किरदार के लिए ‘ग्रेट गैम्बलर’ के निर्देशक शक्ति सामंत ने उत्पल दत्त को साइन किया। इस तरह से अमजद खान के लिए बुरी तरह दुर्भाग्यपूर्ण रही फिल्म ‘ग्रेट गैम्बलर’ से आखिरकार उनको अलग होना पड़ा।

वो सिर्फ कमर्शियल सिनेमा के चाहने वालों की ही पसंद नहीं थे, बल्कि सत्यजीत रे जैसे फिल्मकारों को भी उनकी अदाकारी भाती थी। तभी तो पहली और आखिरी हिंदी फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में अमजद खान को चुना था।

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