Bioscopewala : डैनी डेन्जोंगपा की बोलती आंखें

रबींद्रनाथ टैगोर की साल 1892 में लिखी कहानी ‘काबुलीवाला’ के बारे में कहीं न कहीं, सुना, देखा या पढ़ा होगा। इसी कहानी से प्रेरित फिल्म ‘बायोस्कोपवाला’ जल्दी ही सिनेमाघरों में उतरेगी। ‘बायोस्कोपवाला’ की कहानी वहां से शुरू होती है, जहां पर ‘काबुलीवाला’ की कहानी ख़त्म होती है। हाल में इसका ट्रेलर जारी किया गया। ट्रेलर को देखकर खुशी होती है, चौंकते भी हैं, साथ ही कन्फ्यूज भी होते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान खींचा डैनी डेन्जोंगपा की बोलती आंखों ने। 

बायोस्कोपवाला बन कर आ रहे हैं डैनी
मुंबई। देब मेधेकर की फिल्म ‘बायोस्कोपवाला’ का ट्रेलर हाल ही में जारी किया गया। देब का बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है। एफटीआईआई से पासआउट देब को दस साल तक विज्ञापन फिल्में बनाने का अनुभव है। 

बॉलीवुड डेब्यू के लिए उन्होंने रबींद्रनाथ टैगोर की कहानी ‘काबुलीवाला’ को चुना। हालांकि, उनकी फिल्म ‘बायोस्कोपवाला’, ‘काबुलीवाला’ के आगे की कहानी कहती है। ‘काबुलीवाला’ की कहानी हम सबसे कभी न कभी गुज़री ज़रूर होगी। चाहें उसे पढ़ा हो, सुना हो या फिर देखा हो। 

‘काबुलीवाला’ एक ड्रायफ्रूट (मेवा) बेचने वाले की कहानी है, जिसे एक छोटी बच्ची में अपनी बेटी दिखाई देती है। ख़ैर, देब ने मेवा बेचने वाले को, बायोस्कोपवाला में तब्दील कर दिया है। बायोस्कोपवाला अपने बायोस्कोप से एक अफगान फेरी वाले और एक बच्ची की दोस्ती की कहानी कहता है। 

जिन्होंने काबुलीवाला को पढ़ा, देखा या सुना होगा, उनके लिए भी ‘बायोस्कोपवाला’ नया सा कुछ लेकर आया है। जानी-पहचानी कहानी भी एकदम नई सी नज़र आएगी। 

‘बायोस्कोपवाला’ का आज के परिदृश्य में स्थापित करने के लिए कुछ बदवाव किए गए हैं। साथ ही सस्पेंस और थ्रिलर भी मिलाया गया। कुछ पेंच उलझाए गए हैं। ‘काबुलीवाला’ के उलट ‘बायोस्कोपवाला’ का ज़ायका है। 

ट्रेलर से कहानी की साफ तस्वीर आप नहीं बना पाते हैं। हां, बस इतना अंदाज़ा लगा लेते हैं कि कहानी की नायिका मिनी के पिता अफगानिस्तान पर जाते हैं और उनका प्लेन क्रैश हो जाता है। उसके बाद मिनी अफगानिस्तान जा कर अपने पिता के अफगानिस्तान जाने के की वजह तलाश में जुटती है और फिर उसके सामने एक-एक करके तार खुलते जाते हैं। 

कहानी और घटनाक्रम चाहें कितने भी उलझे हुए से लगे, लेकिन अभिनय बिलकुल सधा हुआ है। फिल्म के कलाकारों का चुनाव काफी सतर्कता के साथ किया गया है। डैनी डेन्जोंगपा, गीतांजलि थापा, आदिल हुसैन, टिस्का चोपड़ा, बृजेंद्र काला सरीखे मंझे हुए कलाकार हैं। 

इन दिनों सिल्वर स्क्रीन पर कभी-कभार नज़र आने वाले डैनी ‘बेबी’ और ‘नाम शबाना’ के दो साल के बाद रुपहले परदे पर दिखाई देंगे। फिल्मों में बहुत छोटे-छोटे किरदारों में नज़र आने वाले डैनी इस बार अधिक स्क्रीन टाइम के साथ लौट रहे हैं। 

‘बायोस्कोपवाला’ में बायोस्कोपवाला के किरदार में ही नज़र आएंगे। फिल्म में उम्र के अलग-अलग पड़ावों को निभाते हुए दिखाई देंगे। इसकी झलक ट्रेलर में ही देखने को मिल जाती है। डैनी के संवाद अदायगी तो दूर की बात है, वो इतने एक्सप्रेसिव हैं कि उनकी बोलती आंखों से ही संवाद बह निकलते हैं। 


डैनी के अलावा फिल्म में गीतांजलि थापा हैं। गीतांजलि ने अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिताब अपने नाम किए हैं। हालांकि, इनके बावजूद भी वो बॉलीवुड के लिए पहचाना नाम नहीं हैं। गीतांजलि, राजकुमार राव की फिल्म ‘ट्रैप्ड’ में नूरी नाम के किरदार में नज़र आई थीं। 

सुनील दोषी के निर्माण में बनी ‘बायोस्कोपवाला’ 25 मई को सिनेमाघरों में उतर रही है। इस फिल्म का ट्रेलर आपको चौंकाता है, तो खुश भी करता है। सात ही आपके ज़ेहन में सवाल छोड़ कर आपकी उत्सुकता भी बढ़ा देता है।

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