संजय दत्त की परछाई बने 'संजू' रणबीर कपूर

कई बार किसी का लिबास तो पहना जा सकता है, लेकिन उसका अक्स पहनना नामुमक़िन सा लगता है। लेकिन इस नामुमकिन को एक सिद्धहस्त अभिनेता चाहे तो कर सकता है। ऐसे ही एक अभिनेता की चर्चा, जिसने अन्य अभिनेता के नाटकीयता से भरपूर जीवन को पर्दे पर उतारने के लिए उसका अक्स पहन लिया। हम बात कर रहे हैं, रणबीर कपूर की। उनकी आगामी फिल्म 'संजू' के टीज़र, ट्रेलर, गानों और पोस्टर को देख कर लगता है कि रणबीर ने किस कदर संजय दत्त को आत्मसात किया है। निर्देशक राजकुमार हिरानी की कोशिशों को भी कम नहीं आंकना चाहिए। 

analytical article on Sanjay Dutt biopic Ranbir Kapoor Rajkumar Hirani

मुंबई। सौ प्रतिशत सफलता का वादा करने वाला निर्देशक अपनी फिल्म के 'विषय' के लिए एक ऐसे अभिनेता के जीवन को चुनता है, जिसने उसके साथ सफल फिल्में बॉक्स ऑफिस को दी हैं। आखिर, उस अभिनेता के जीवन को पर्दे पर क्यों उतारना है? कुछ को लगता है कि उस अभिनेता के इमेज मेकओवर के लिए यह किया गया है, लेकिन वहीं कुछ मानते हैं कि 'विषय' बने उस अभिनेता के जीवन में एक मसाला फिल्म का कंटेंट भरा है।

बिलकुल सही दिशा में आपके दिमाग़ के घोड़े दौड़ रहे हैं, हम बात कर रहे हैं आगामी फिल्म 'संजू' की। संजय दत्त की नाटकीयता से भरपूर ज़िंदगी को पर्दे पर राजकुमार हिरानी पलटने जा रहे हैं। उनके बीते दिनों के किरदार को पर्दे पर रणबीर कपूर जीवित कर रहे हैं।

'बेशरम', 'बॉम्बे वेल्वेट' और 'जग्गा जासूस' सरीखे हादसों से गुज़रने वाले रणबीर कपूर एक बार फिर अपना जौहर दिखाने को तैयार हैं। अभी तक फिल्म 'संजू' के जो भी लुक्स, क्लिप्स सामने आई है, उससे रणबीर की मेहनत पर कोई शायद ही ऊंगली उठाये, लेकिन फिर भी कुछ लोगों ने आलोचना तो की ही है। वो आलोचनाएं निजी खुन्नस के चलते की गई, यह भी सभी जानते हैं।

ख़ैर, रणबीर कपूर एक ऐसे खानदान से आते हैं, जो हिन्दी सिनेमा में बीती चार पीढ़ियों से सक्रिय है। ऐसे में अभिनय उनके डीएनए में है। बावजूद इसके वो अपने समकक्षी अभिनेताओं से अभी भी काफी पीछे हैं। रणबीर कपूर के मुकाबले रणवीर सिंह ने बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा सफलता पाई है। फिलवक्त दोनों की तुलना करें, तो रणबीर से रणवीर इक्कीस ही मिलेंगे।

अब यदि पीछे मुड़ कर देखा जाये, तो रणबीर ने अच्छी भूमिकाएं की हैं, लेकिन शायद फिल्मों का चुनाव सही नहीं रहा और कुछ क़िस्मत भी उनके साथ न थी। लेकिन उनकी काबिलियत से कोई भी इंकार नहीं कर सकता। हालांकि, ख़बरों में वो अपने 'अफेयर्स' और 'ब्रेकअप' के चलते ज़्यादा रहे हैं। फिलहाल अब वो अपने करियर को लेकर संजीदा हो गए हैं।

वहीं फिल्म 'संजू' को लेकर रणबीर ने जिस तरह से ख़ुद को तैयार किया है, वो वाकई काबिल-ए-तारीफ़ है। उन्होंने संजय दत्त के हाव-भाव की बखूबी नकल की है, लेकिन आवाज़ में कुछ कमी रह गई। फिर भी किसी व्यक्ति को हू-ब-हू पर्दे पर उतारना आसान नहीं है। फिर भी रणबीर ने संजय दत्त के किरदार को करीब-करीब ओढ़ लिया है।

हालांकि, सलमान खान को लगता है कि 'संजू' में संजय दत्त को ही अपना किरदार निभाना चाहिए था। वाकई हास्यास्पद बयान है। अपनी ही बायोपिक में अपना ही किरदार निभाने की बात बोलने से पहले सलमान ने सोचना मुनासिब ही नहीं समझा। दरअसल, सलमान को संजय दत्त के किरदार से ज्यादा अभिनेता रणबीर कपूर से कोफ्त है। वजह, सबको मालूम है।

अब आगे चलते हैं संजय दत्त के अभिनय करियर पर बात करते हैं। निष्पक्ष होकर देखने पर आप पाएंगे कि कुछ फिल्मों को छोड़ दिया जाए, तो संजय एक औसत अभिनेता ही रहे हैं। हालांकि, उनकी ज़िंदगी में हुए उठा-पटक से कोई इंकार नहीं कर सकता।

सफल अभिनेता और अभिनेत्री का पुत्र, जिसने शायद चांद-सितारे की मांग की होती, तो उसकी मां उसे वो भी दे देती। पिता ने आसमान में उड़ने के बजाय ज़मीन पर रखने की कोशिश तो की, लेकिन ममाज़ बॉय रहे संजय पर सब बेअसर ही रहा। संजय का करियर शुरू हुआ, तो पहली फिल्म रिलीज़ होने से पहले मां चल बसी।

अमीर बाप की बिगड़ैल औलाद की छवि वाले इस सितारे पर पहाड़ टूटा और फिर वो नशे में गिरफ्तार हो गया। इसका असर निजी ज़िंदगी पर हुआ। एक के बाद कई हादसों से यह दो चार होता गया। कभी अवैध हथियार रखना, तो कभी अंडरवर्ल्ड से ताल्लुक रखना। लगातार असफल रिश्तों में पड़ना, जेल जाना। जब तक संजय इन सब बातों को समझ पाते, काफी देर हो गई थी, फिर भी स्थायित्व बन कर उनकी पत्नी मान्यता आईं और सब कुछ एक बार फिर पटरी पर चल पड़ा।

अब यह सभी घटनाएं एक शख्सियत की कितनी परते घोलती हैं। इन परतों में ही तो मसाला फिल्म का कंटेंट छिपा हुआ है। आम बॉलीवुड फिल्म में एक्शन, ड्रामा, कॉमेडी, इमोशन ही तो होता है। संजय की ज़िंदगी में यह सभी पहलु मौजूद हैं।

इस क़िस्म के किरदार को पर्दे पर जीवंत करना आसान काम नहीं है। उम्र के पांच पड़ाव पांच दशकों में पार करना, और उन पांच दशकों के पड़ावों को पर्दे पर उतारना अलग बात है। नशे में रहना और नशे में डूबे शख्स का अभिनय करना अलग बात है।

कुछ दिनों पहले फिल्म 'संजू' के गाने 'मैं बढ़िया तू भी बढ़िया' पर काफी बवाल मचा था। वजह थी कि रणबीर इस गाने में काफी हिल रहे है। किसी महिला की तरह उनके हाव-भाव हैं। इस तरह की बात करने से पहले संजय दत्त की शुरुआती फिल्मों पर नज़र दौड़ाएं। भले ही आज संजय दत्त माचोमैन कहे जाते हैं, लेकिन शुरुआती फिल्मों में वो यूं हिल-हिल कर चला करते थे।

रणबीर ने संजय दत्त के न सिर्फ जवानी के दिनों के बल्कि प्रौढ़ावस्था के किरदार को बखूबी पर्दे पर उतारने की कोशिश की है। फिल्म में क्या असर रहता है, वो तो रिलीज़ के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल वीडियो क्लिप्स और पोस्टर इस बात की तस्दीक करते हैं कि रणबीर ने संजय के अक्स को खुद में उतार लिया है।

'संजू' पर राजकुमार हिरानी की फिल्मों के मुरीद, संजय दत्त के फैन्स, रणबीर कपूर के प्रशंसकों के साथ बॉक्स ऑफिस की भी निगाहें टिकी हुई हैं। वैसे, तो कुछ फिल्म क्रिटिक्स इस फिल्म पर सौ फीसदी सफलता की मुहर लगा रहे हैं, लेकिन असल परीक्षा तो दर्शकों के सामने ही होनी है।

अब यदि फिल्म 'संजू' ने सफलता का परचम लहरा दिया, तो भविष्य में रणबीर को पर्दे पर अपने दादा जी अभिनेता राज कपूर और हरफनमौला फनकार किशोर कुमार का किरदार निभाते हुए देखा जा सकता हैं। वहीं बायोपिक की बात करें, तो किशोर कुमार, राज कपूर ही क्यों, गुरुदत्त, देव आनंद, दिलीप कुमार, आर डी बर्मन सरीखी शख्सियतें भी हैं, जिनके जीवन को सिल्वर स्क्रीन पर दर्शक देखना चाहेंगे।

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