फिल्म समीक्षा : शुभ मंगल ज्यादा सावधान

आयुष्मान खुराना अलग तरह की भूमिका करने वाले अभिनेताओं में गिने जाते हैं। स्पर्म डोनर लेकर लड़की बनने तक का किरदार निभा चुके हैं। इस बार वो 'गे' बन कर रूपहले पर्दे से दर्शकों को एक अलग कहानी सुनाने आ चुके हैं। इस शुक्रवार आय़ुष्मान खुराना की फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' रिलीज़ हुई है, जिसका निर्देशन हितेश केवल्या ने किया है, जबकि आनंद एल राय, भूषण कुमार और हिमांशु शर्मा ने इस फिल्म का निर्माण किया है। 

Ayushman khurana and jitendra kumar in film Shubh Mangal zyada Savdhan
फिल्म : शुभ मंगल ज्यादा सावधान

निर्माता : आनंद एल राय, भूषण कुमार, हिमांशु शर्मा

निर्देशक : हितेश केवल्या

कलाकार : आयुष्मान खुराना, जितेंद्र कुमार, गजराज राव, नीना गुप्ता, मानवी गागरू, मनुऋषि चड्ढा, सुनीता राजवर आदि 

संगीत : तनिष्क बागची, टोनी कक्कड़, वायु

जॉनर : सोशल कॉमेडी जॉनर

रेटिंग : 3/5

बीते कुछ सालों से आयुष्मान खुराना का बॉलीवुड की टिकट खिड़की भी 'जादू' छाया हुआ है। चाहे वो स्पर्म डोनर 'विक्की' हों या फिर 'अंधाधुन' के ब्लाइंड पियानिस्ट, या फिर 'बाला' के 'बाल मुकुंद' या फिर 'ड्रीम गर्ल' के 'करम सिंह', 'बाधाई हो' के 'नकुल' सबको दर्शकों को भर-भर कर प्यार दिया है। अब वो 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में 'कार्तिक' बन कर आ रहे हैं। दर्शकों का कितना प्यार इस फिल्म और किरदारों को मिलता है, वो तो बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बताएगा। फिलहाल हम इसकी समीक्षा करते हैं। 

कहानी 

फिल्म की कहानी है कार्तिक (आयुष्मान खुराना) और अमन (जितेंद्र कुमार) की। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं और दिल्ली में रहते हैं। इनकी अच्छी-खासी चल रही लव-लाइफ में हिचकोले तब लगते हैं, जब अमन के चाचा चमन त्रिपाठी (मनुऋषि चड्ढा) की बेटी गॉगल (मानवी गागरू) की शादी में शरीक होने दोनों पहुंचते हैं। इस शादी में दोनों के होमोसेक्शुअलिटी का राज खुलता है। अब अमन के पिता शंकर त्रिपाठी (गजराज राव) और मां सुनयना त्रिपाठी (नीना गुप्ता) सहित पूरे परिवार को इस जानकारी से झटका लगता है। अमन और कार्तिक अपने रिश्ते को मनवाने और स्वीकार करवाने की चुनौती आती है। क्या वो इसमें सफल हो पाते हैं और कितनी मुश्किलों का सामना दोनों का करना पड़ता है। यह सब जानने के लिए फिल्म देखें। 


समीक्षा 

हितेश केवल्या ने जबरदस्त निर्देशन किया है। फिल्म के सभी किरदारों के बीच साम्य बैठाया रखा है। सबकी एक्टिंग स्किल्स को भी बखूबी भुनाया है। एंटरटेनमेंट के साथ फिल्म मैसेज भी देती है। वहीं फिल्म के डॉयग्स्स भी बढ़िया बन पड़े हैं। 

एक्टिंग की बात करें, तो आयुष्मान खुराना, गजराज राव और नीना गुप्ता तो बेहतरीन रहे ही हैं, लेकिन जितेंद्र कुमार अपनी एक्टिंग स्किल्स से ऑडियंस को जरूर चौंकाने वाले हैं। कई सीन्स में तो आयुष्मान खुराना पर जितेंद्र भारी पड़चे दिखाई दिए हैं। वहीं अमन के चाचा बने मनुऋषि चड्ढा और चाची बनी सुनीता राजवर भी काफी सहज लगे हैं। उन्होंने अपने किरदारों को इतनी सहजता से निभाया है कि कई दृश्यों में तो ये नीना-गजराज की जोड़ी पर भी भारी पड़ते नजर आए। 

संगीत के मामले में भी फिल्म अच्छी रही। 'प्यार बिना चैन कहा रें' और 'मेरे लिए तुम काफी हो' पहले से ही सभी की ज़बान पर चढ़ चुके हैं। फिल्म के गाने कहानी में रोढ़ा नहीं बनते, बल्कि वो कहानी को आगे बढ़ाते हैं। 

ख़ास बात

सोशल प्रॉब्लम पर बनी एंटरटेनमेंट में डूबी फिल्में देखने के शौकीन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए ही है। इस वीकेंड इस फिल्म को देखना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।