आयुष्मान की फिल्म से पहले भी बॉलीवुड में LGBTQ के मुद्दे पर बनाई गईं हैं फिल्में

कंटेंट बेस्ड सिनेमा का नाम आते ही दिमाग में सबसे पहले आयुष्मान खुराना का नाम आ जाता है। अब आयुष्मान की अगली फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' कुछ दिनों में ही रिलीज़ होने जा रही हैं। होमोसेक्शुलिटी के मुद्दे के इर्द-गिर्द बुनी इस फिल्म को अनोखा कहा जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं कि बॉलीवुड में एलजीबीटीक्यू के मुद्दे को पहली बार पर्दे पर उतारा जा रहा है। इससे पहेल भी इन मुद्दों पर फिल्में बनाई जा चुकी हैं। चलिए एक बार सरसरी निगाह दौड़ाते हैं। 

ayshman khurana and jitendra kumar in shubh magal zyada savdhan
आयुष्मान खुराना की फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' 21 फरवरी को सिनेमाघरों में उतर रही है। फिल्म में आयुष्मान के अलावा जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता और गजराज राव अहम किरदारों में हैं। यह फिल्म होमोसेक्शुअलिटी के मुद्दे पर बेस्ड है। फिल्म में गे-मैरेज या सेम सेक्स मैरेज की बात होती है। दरअसल, फिल्म में फिल्म में कार्तिक बने आयुष्मान को अमन बने जितेंद्र से प्यार हो जाता है और फिर शुरू होती है असली कहानी। 

फिल्म ने ट्रेलर रिलीज़ होते ही बवाल काट दिया था। ट्रेलर में आयुष्मान और जितेंद्र के लिप-लॉक को दिखाया गया था, जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थी। 

अब फिल्म एलजीबीटीक्यू की बात करती है, तो ऐसा नहीं है कि इससे पहले इस समुदाय पर बॉलीवुड ने फिल्म नहीं बनाई। आइए फिर यादों पर पड़ी धूल को झाड़ते हैं और उन फिल्मों का जिक्र करते हैं, जो होमोसेक्शुअल के मुद्दे पर बनी हैं या बात करती हैं। 

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
सोनम कपूर, अनिल कपूर, जूही चावला और राजकुमार राव स्टारर फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो होमोसेक्शुअल है। पंजाबी परिवार की स्वीटी को कुहू से इश्क को जाता है, जिसे बाकी सब समाज और प्रकृति के खिलाफ मानते हैं। हालांकि, बाद में सब ठीक हो जाता है। 

कपूर एंड संस
साल 2016 में आई 'कपूर एंड संस' में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान ने गे-शख्स का किरदार निभाया था। फिल्म में फवाद के अलावा सिद्धार्थ मल्होत्रा, आलिया भट्ट और ऋषि कपूर अहम किरदारों में नज़र आए थे। 

अलीगढ़
साल 2015 में हंसल मेहता की फिल्म 'अलीगढ़' आई थी, जिसमें मनोज बाजपेयी और राजकुमार राव अहम भूमिकाओं में थे। फिल्म 'अलीगढ़', अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक गे टीचर की असली कहानी पर आधारित थी, जिसे इस वजह से सस्पेंड कर दिया गया था।इस फिल्म के लिए मनोज को फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड फॉर बेस्ट ऐक्टर का अवॉर्ड भी मिला था। 

मार्गेरेटा विद अ स्ट्रॉ 
कल्कि केकले अभिनीत साल 2014 में आई फिल्म 'मार्गेरेटा विद ए स्ट्रा' भी होमोसेक्शुअल के मुद्दे पर ही आधारित थी। इस फिल्म में कल्कि ने लैला नाम के किरदार को निभाया था, जिसे एक महिला से ही इश्क था। फिल्म में दिखाया गया कि होमोसेक्शुअल होने के कारण कल्कि को समाज में कितनी परेशानियां उठानी पड़ीं और संघर्ष झेलने पड़े।फिल्म को शोनाली बोस ने निर्देशित किया था। 

बॉम्बे टॉकीज़ 
साल 2013 में चार शॉर्ट मूवीज़ के कॉम्बो को 'बॉम्बे टॉकीज़' के नाम से रिलीज़ किया गया था। इन्हीं शार्ट मूवीज़ के एक पार्ट 'अजीब दास्तां है ये' को करण जौहर ने डायरेक्ट किया था। इस शॉर्ट मूवी में साकिब सलीम ने गे का किरदार निभाया था। फिल्म में साकिब सलीम के अलावा रानी मुखर्जी और रणदीप हुड्डा भी थे। रणदीप और साकिब का एक 'किस सीन' भी इस फिल्म में था। 

माय ब्रदर निखिल 
साल 2005 में आई फिल्म 'माय ब्रदर निखिल' में भी गे-रिलेशन को दिखाया गया है। फिल्म में स्टेट लेवल स्विमर निखिल को निजेल से प्यार रहता है। निखिल का किरदार संजय सूरी ने निभाया था और निजेल बने थे पूरब कोहली। हालांकि, फिल्म एचआईवी पर बेस्ड थी, लेकिन फिल्म के किरदारों के बीच होमोसेक्शु्ल रिलेशन था। 

फायर
साल 1996 में दीपा मेहता की फिल्म 'फायर' ने वाकई ही आग लगा दी थी। सिनेमाघरों के सामने आगजनी और पथराव तक किया गया। फिल्म दो होमोशेक्सुअल लड़कियों की लाइफ पर बेस्ड थी, जिसमें शबाना आजमी और नंदिता दास अहम किरदारों में थीं। इनके बीच 'किस सीन' भी फिल्माया गया था। यह फिल्म तब बनी थी, जब एलजीबीटीक्यू के बारे में खुलकर कोई बात भी नहीं कर सकता था। यह भारत की शायद पहली फिल्म है, जिसमें लेस्बियन रिलेशन या होमोसेक्शुअलिटी को दिखाया गया।