फिल्म 'पृथ्वीराज' के लिए अक्षय कुमार सीखेंगे हिन्दी

बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस में ताबड़तोड़ कमाई करने वाले अक्षय कुमार का सिने करियर तकरीबन तीस साल का हो गया, लेकिन अब जाकर वो अपनी हिन्दी दुरुस्त करेंगे। हिन्दी को ठीक करने का बीड़ा उन्होंने यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनने वाली फिल्म 'पृथ्वीराज' के लिए लिया है। 
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हिन्दी सिने जगत में किसी कलाकार ने तीस साल काम किया और वह भी लगातार सक्रिय रहा, लेकिन हिन्दी में उसका हाथ तंग होने की बात हजम नहीं होती। लेकिन यह सच है। बोलचाल की भाषा से हिन्दी फिल्मों में काम चल जाता है, और इंटरव्यूज़ में तो सितारे अंग्रेज़ी ही बोलना पसंद करते हैं। 

अब ऐसे में किसी ऐतिहासिक विषय या फिर पुरुष पर फिल्म बननी हो, तो हिन्दी उच्चारण पर काम करना ही पड़ेगा। ठीक इसी तरह की सोच यशराज फिल्म्स के बैनर तल बन रही फिल्म 'पृथ्वीराज' के निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी की भी है। 

अमूमन फिल्मों को दो से तीन महीनों में पूरी करने के लिए कुख्यात अक्षय अक्सर अपने निर्देशकों पर हावी रहते हैं, लेकिन उनका यह रवैया चंद्रप्रकाश द्विवेदी के साथ नहीं चलेगा। अक्षय के हिन्दी उच्चारण को ठीक करने के लिए उन्होंने ट्यूटर रखने की बात की। क्योंकि उनको हिन्दी के संवाद को अच्छी तरह से बोलना है। 

बता दें कि पृथ्वीराज चौहान और उनके भाई हरिराज का जन्म गुजरात में हुआ था, लेकिन उनकी वीरता राजस्थान के रण में देखने को मिली। हाल ही में फिल्म 'पृथ्वीराज' का एक शेड्यूल राजस्थान में चंद्रप्रकाश ट्विवेदी ने पूरा किया है, जिसे फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा ने भी देखा। 

इस शेड्यूल को देखने के बाद फिल्म के निर्माता-निर्देशक दोनों ने अक्षय कुमार के हिन्दी उच्चारण को लेकर एक मत थे। दोनों ने ही अक्षय को उनकी हिन्दी ठीक करने के लिए कहा है। इसलिए अब उन्हें हिन्दी सिखाने के लिए एक ट्यूटर या कोच रखा गया है। 

एक्शन फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अक्षय ने अपनी एक्टिंग स्किल्स को तो फिर भी दुरुस्त कर लिया है, लेकिन डायलॉग डिलीवरी के क्षेत्र में अभी-भी कसर है। इसी बात का ध्यान रखते हुए निर्माताओं और निर्देशक का यह विचार था, कि वह पृथ्वीराज चौहान जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्व की भूमिका को निभाने से पहले अपने हिन्दी उच्चारण और डायलॉग डिलीवरी पर काम कर लें। 

पृथ्वीराज चौहान 12 वीं सदी के सबसे शक्तिशाली योद्धा माने जाते हैं, तो ऐसे में फिल्म के निर्माता और निर्देशक की जिम्मेदारी बन जाती है कि इस किरदार को पर्दे पर दिखाने में किसी तरह की कोई कमी न रह जाए। 

वैसे, फिल्म इंडस्ट्री में यह पहली दफा नहीं हो रहा है जब किसी कलाकार को अपने किरदार के लिए हिन्दी दुरुस्त करनी पड़ी है। इससे पहले आमिर खान ने फिल्म 'पीके' के लिए हिन्दी कोच रखा था।