पत्नी सुतापा के लिए 'जीना' चाहते थे इरफान खान

इरफान खान अब इस दुनिया में नहीं रहे। अपने पीछे पत्नी सुतापा, बेटे बाबिल और आयन को छोड़ गए हैं। इरफान और सुतापा एनसीडी में मिले थे और फिर दोनों में दोस्ती हुई और यह दोस्ती प्यार में तब्लदील हो गई। इनकी 'लव स्टोरी' किसी फिल्म की कहानी जैसी ही है। 

irrfan and sutapa love story
इरफान खान की जीवन संगिनी सुतापा उनकी ज़िंदगी के सफर में किसी चट्टान की सी उनके साथ बनी रहीं। सुतापा, इरफान की ज़िंदगी में सिर्फ प्यार या पत्नी नहीं रहीं। वो अच्छी और सच्ची दोस्त रहीं, हमराज रहीं, हमदर्द रहीं, आलोचक रहीं। इरफान ने अपने करियर को जिस ऊंचाइयों तक पहुंचाया, उसमें सुतापा के योगदान को कोई नकार नहीं सकता। 

इरफान कई बार अपने इंटरव्यूज़ में सुतापा को अपना सपोर्ट सिस्टम तक बता चुके हैं। वहीं फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' के रिलीज़ के वक्त मीडिया से बात करते हुए इरफान ने कहा, 'यह एक यादगार रोलर कोस्टर राइड रही है। हम साथ में रोए हैं और हंसे भी हैं। सुतापा के बारे में क्या कहूं। वो 24 घंटे मेरे साथ रहती है। अगर मुझे जीने का मौका मिला तो मैं उसके लिए जीना चाहूंगा।'

वाकई सुतापा और इरफान की कहानी एक रोलर कोस्टर राइट ही रही है। इसी राइड में उनकी 'लव स्टोरी' की जर्नी भी उतनी ही दिलचस्प है। 

इरफान-सुतापा की लव-स्टोरी 

इरफान खान ज़िंदगी में कुछ ऐसा करना चाहते थे, जिससे वो मशहूर हो जाएं। तमाम चीजें सीखने की कोशिश की, लेकिन उन सभी चीज़ों से वो बहुत जल्दी बोर हो जाया करते थे। एमए करते समय इरफान को लगा कि क्यों न एक्टिंग में ही करियर बनाया जाए। अब एक्टिंग में करियर बनाने के लिए इसे सीखना ज़रूरी था। 

अब जयपुर का यह लड़का एक्टिंग सीखने के लिए एनएसडी आ पहुंचता है। एक्टिंग की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप भी मिल जाती है और फिर इरफान एनएसडी जॉइन कर लेते हैं। 

ऐसे ही एक दिन प्रैक्टिस सेशन के दौरान इरफान की नज़र एक लड़की पर पड़ी। इरफान एकटक उसे देखते रह गए। उस लड़की का नाम था सुतापा सिकदर। वैसे तो सुतापा एक्टिंग के कोर्स में दाखिला लिए हुए थीं, लेकिन उनको स्क्रीनप्ले राइटिंग में अपना करियर बनाना था। 

इरफान अपने एक इंटरव्यू में कहा था, 'लड़कियों को देखने के बाद उनसे बात करने की हिम्मत मैं जुटा नहीं पाता था। मैं और मेरा कॉलेज जाती हुई लड़कियों को 'ये तेरी वाली और वो मेरी वाली' करके चिन्हित करते थे। कभी सामने आ जाने पर मुंह से 'हैलो' नहीं फूटता था।'

ख़ैर, कमोबेश यही हालत सुतापा को देखने के बाद भी इरफान की हुई। फिर भी एक्टिंग के कोर्स ने थोड़ी हिम्मत उनमें भर दी थी। हिम्मत करते आगे बढ़े और और सोचा, 'चलो आज खुद को उनसे मिला ही देता हूं।' 

हिम्मत काम कर गई। सुतापा से बातचीत शुरू हुई, तो दोनों की सोच, पसंद-नापसंद सब में मेल था। देखते ही देखते इरफान और सुतापा में गहरी दोस्ती हो गई। 

एक्टिंग का कोर्स पूरा होते-होते पक्की दोस्ती, 'प्यार' में बदल चुकी थी। अब प्यार हो गया, तो अगली सीढ़ी शादी थी। एक मुस्लिम लड़का और हिन्दू लड़की की शादी, तो आज भी विवाद का कारण बन जाता है और यह तो नब्बे के दौर की कहानी थी। 

फिर भी इरफान भी सच्चे आशिक थे, उन्होंने सुतापा से क्रांतिकारी तरीके से कहा, 'यदि तुम्हारे परिवार वाले चाहें, तो मैं हिंदू धर्म अपनाने को तैयार हूं।'

हालांकि, इरफान को ऐसा कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं पड़ी। सुतापा के परिवार ने उनको वैसे ही अपना लिया। 

सुतापा और इरफान अपने करियर के लिए मुंबई आ गए थे और यहां अपनी जमीन तलाशने लगे थे। हालांकि, दोनों ने अभी तक शादी नहीं की थी, लेकिन दोनों साथ ही रहते थे, जिसे 'लिव इन रिलेशनशिप' कहा जाता है। 

इसी दौरान सुतापा प्रेग्नेंट हो गईं और फिर अपने एक कमरे को छोड़ इरफान बड़े घर की तलाश में जुट गए। इरफान-सुतापा जहां भी जाते, उनसे मकान मालिक पूछता था, 'आप शादीशुदा हैं?'

दोनों ही इस सवाल से काफी परेशान हो गए, तो फिर सोचा अब ज़िंदगी साथ ही बितानी है, तो फिर शादी क्यों नहीं कर लेते। फिर दोनों ने साल 1995 में कोर्ट मैरिज कर ली। तब से लेकर आज तक यह कपल एक-दूजे के साथ हमेशा खड़ा रहा है। 

इरफान अक्सर कहते थे, 'मेरी पत्नी सुतापा मेरी सबसे बड़ी आलोचक है। उसकी वजह से मैं अपना क्राफ्ट और बेहतर बना पाता हूं।' बता दें कि इरफान खान की फिल्म 'करीब करीब सिंगल' को सुतापा ने प्रोड्यूस भी किया है।

एक ही प्रोजेक्ट में काम किया

सुतापा और इरफान ने एक ही कार्यक्रम में साथ में काम किया। साल 1993 में आए टीवी शो 'बनेगी अपनी बात' में इरफान बतौर एक्टर, तो सुतापा ने इस टीवी शो से स्क्रीनप्ले राइटर के रूप में जुड़ी थीं। 

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