'रामायण' के 'मेघनाद' ने 'चुराया' था जीनत अमान का दिल

रामानंद सागर की 'रामायण' में 'मेघनाद' की भूमिका में नज़र आ रहे अभिनेता विजय अरोड़ा ने रीना रॉय के साथ फिल्म 'ज़रूरत' से अपने करियर की शुरुआत की थी और फिल्म 'यादों की बारात' में जीनत अमान के साथ गाने 'चुरा लिया है तुमने' ने उनको लोकप्रियता दिलाई। विजय अरोड़ा अब हमारे बीच नहीं रहे हैं, लेकिन इन्ही विजय को अभिनेता राजेश खन्ना ने अपना उत्तराधिकारी तक बताया था। 

Vijay arora as 'Meghnad' in ramanand sagar 'ramayan'
कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए देशभर में लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी गई है। वहीं दूरदर्शन पर रामानंद सागर की 'रामायण' का प्रसारण शुरू है। इन दिनों 'रामायण' में 'मेघनाद' दिखाई देने लगे हैं। 

ताज़ा एपिसोड में 'मेघनाद' ने 'राम-लक्ष्मण' को नागपाश में बांध दिया, जिससे मूर्छित होकर तीनों लोक के स्वामी भी गिर पड़े। इन्हें मूर्छित देख सब निराश हैं और उधर लंका में 'मेघनाद' की जय जयकार हो रही है। 

इस एपिसोड के प्रसारण के बाद से 'मेघनाद' की चर्चा होने लगी है, लेकि क्या आप जानते हैं, 'मेघनाद' की भूमिका निभाने वाले अभिनेता विजय अरोड़ सिल्वर स्क्रीन पर बड़ी-बड़ी अभिनेत्रियों के साथ इश्क़ लड़ा चुके हैं। यहां तक कि बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले राजेश खन्ना ने इनको अपना उत्तराधिकारी तक कह दिया था। 

विजय अरोड़ा फिल्मी करियर 

विजय अरोड़ साल 1971 में एफटीआईआई से ग्रेजुएशन किया, जहां उन्हें गोल्ड मेडल मिला था। इसके बाद साल 1972 में आई फिल्म 'ज़रूरत' से डेब्यू किया। इस फिल्म में विजय के साथ न्यूकमर रीना रॉय थीं। इसके बाद साल 1972 में 'राखी और हथकड़ी' में आशा पारेख के साथ स्क्रीन शेयर किया। ऋषिकेश मुखर्जी ने अपनी फिल्म 'सबसे बड़ा सुख' में विजय अरोड़ को कास्ट किया। यह फिल्म साल 1972 में रिलीज़ हुए थी।

वहीं विजय को स्टारडम मिली ज़ीनत अमान के साथ गाना 'चुरा लिया है तुमने' के बाद। यह गाना फिल्म 'यादों की बारात' का है, जो साल 1973 में रिलीज़ हुई थी। 

साल 1973 में आई फिल्म 'फागुन' में विजय अरोडा ने जया भादुड़ी और वहीदा रहमान के साथ स्क्रीन शेयर किया। फिल्म में जहां जया भादुड़ी उनके अपोजिट हैं, वहीं वहीदा रहमान ने उनकी सास की भूमिका निभाई है। 

साल 1973 में आई फिल्म 'इंसाफ' में तनुजा के अपोजिट विजय नज़र आए। परवीन बॉबी के साथ साल 1974 में आई फिल्म '36 घंटे' में विजय दिखे। 

इसके बाद साल 1975 में आई फिल्म 'कादंबरी' में शबाना आज़मी के साथ दिखे, तो इसी साल आई फिल्म 'नाटक' में मौसमी चटर्जी के साथ स्क्रीन शेयर किया। इसके अलावा 'रोटी', 'सरगम', 'बड़े दिलवाला', 'जीना तेरे नाम' और 'इंडियन बाबू' नाम की फिल्मों में विजय नज़र आए। विजय आनंद के निर्देशन में बनी फिल्म 'जाना न दिल से दूर' में दिखे। गुजराती फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' में विजय अरोड़ा ने माधुरी दीक्षित के साथ स्क्रीन शेयर किया। 

विजय अरोड़ टेलीविज़न करियर 

लीड अभिनेता को पहले साइड एक्टर बनाया और फिर साइड एक्टर्स के किरदार भी मिलने बंद हो गए। विजय अरोड़ा को जब फिल्में मिलना बंद हुईं, तो उनके लिए टीवी जगत के दरवाजे खुल गए और उनमें पहले थे रामानंद सागर। 

रामानंद सागर ने अपनी रामायण में 'मेघनाद इंद्रजीत' का रोल ऑफर किया। विजय अरोरा ने बिना देर किए हामी भर दी। 'रामायण' के साथ-साथ मेघनाद का किरदार भी खूब हिट रहा। इस किरदार में विजय ऐसे जमे कि लोग भी उनकी एक्टिंग के कायल हो गए। फिर श्याम बेनेगल के निर्देशन में तैयार टीवी शो 'भारत एक खोज' में विजय 'शहजादे सलीम/ शहंशाह जहांगीर' की भूमिका में दिखे।

साल 2001 में 'लकीरे' और 'तलाश' नाम के धारावाहिकों के साथ केतन मेहता के धारावाहिक 'प्रधानमंत्री' में नज़र आए। 

बता दें विजय अरोड़ ने हिन्दी के साथ गुजराती सिनेमा और थिएटर में काफी काम किया है। उन्होंने अपने करियर में लगभग 110 फिल्मों और 500 से अधिक धारावाहिकों में काम किया है। 

राजेश खन्ना के उत्ताराधिकारी

विजय अरोड़ा की शुरुआती फिल्में भले ही न चलीं हो, लेकिन उनके गुडलुक्स की काफी तारीफें हुईं। यहां तक कि तब के सुपरस्टार राजेश खन्ना ने एक इंटरव्यू में विजय अरोड़ा की तारीफ करते हुए कहा कि यदि कोई बॉलीवुड में मेरी जगह ले सकता है, तो वह विजय अरोड़ हैं। 

कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि विजय अरोड़ा जिस तेज़ी से सफलता के पायदान चढ़ रहे थे, उसे देख कर कई अभिनेताओं की रातों की नींद हराम हो गई थी और उन्हें लेकर राजनीति शुरू हो गई थी। विजय अरोड़ा के खिलाफ बॉलीवुड स्टार्स की पॉलिटिक्स ने उनके करियर को वक्त से पहले ही खत्म कर दिया। 

अपनी कंपनी

विजय अरोड़ा ने अपना एक सॉफ्टवेयर हाउस भी खोला था, जिसके बैनर तले वह ऐड और कॉर्पोरेट फिल्में प्रड्यूस किया करते थे। विजय अरोड़ा के मन में हमेशा यह टीस रही कि सफल फिल्में देने के बाद भी बॉलीवुड में उनको भुला दिया। 27 दिसंबर 1944 में जन्में विजय अरोड़ा का निधन 2 फरवरी 2007 में पेट की कैंसर की वजह से हो गया।