सुशांत सिंह राजपूत के दोस्त महेश शेट्टी ने लिखा इमोशनल पोस्ट, कहा, 'बात तो कर लेता यार...'

सुशांत सिंह राजपूत के दोस्त महेश शेट्टी ने उनके लिए एक भावुक कर देने वाला पोस्ट लिखा है, जिसमें महेश ने उनके साथ बिताए हर पल को याद किया। महेश ने सुशांत के साथ तस्वीर शेयर की है, जिसमें दोनों एक बाइक पर बैठे हैं और फोटो के लिए पोज देते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस पोस्ट में महेश ने सुशांत को जीनियस बताते हुए लिखा है कि वो दुनिया की किसी चीज पर भी बात कर सकता था। एक गर्भ से पैदा न होने के बाद भी हम भाई थे। साथ ही महेश ने सुशांत से शिकायती लहजे में कहते हैं कि बात तो कर लेता यार...।

mahesh shetty wrote emotional post for best friend sushant singh rajput
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बेहद करीबी दोस्त अभिनेता महेश शेट्टी ने हाल ही में उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने सुशांत के जाने पर होने वाले दुख को साझा किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि हम दोनों भाई की तरह थे और जब आपके दिल का एक टुकड़ा अचानक आपसे दूर हो जाए, तो इस दर्द को कोई कैसे बता सकता है।

इस इमोशनल पोस्ट के कैप्शन में लिखा, 'बहुत सारी चीजों का जवाब छूट गया और बहुत सारी बाती रह गईं। मैं तुम्हें इसके बारे में सबकुछ बताऊंगा, जब मैं तुम्हें दोबारा देखूंगा।' इस पोस्ट के साथ सुशांत के साथ महेश ने बाइक पर बैठे हुए एक तस्वीर साझा की। 

भाइयों की तरह मिले

पोस्ट में महेश लिखते हैं, 'ये बेहद अजीब अनुभव है... मेरे पास कहने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन फिर भी मैं निःशब्द भी हूं। कभी-कभी जीवन में आप किसी से मिलते हैं और त्वरित संबंध महसूस करते हैं, जैसे कि आप उसे जिंदगी में काफी पहले से जानते रहे हैं और आपको अहसास होता है कि भाई होने के लिए आपको एक ही गर्भ से पैदा होने की जरूरत नहीं है। इसी तरह हमारी मुलाकात हुई... हम भी भाइयों की तरह मिले थे।'

हम दोनों की अपनी निजी दुनिया 

वो लिखते हैं, 'खाने को लेकर हमारे प्यार और फिल्म सिटी में लंबी-लंबी वॉक करते हुए हमने इसे और बढ़ाया और हमें यह पता ही नहीं चला कि कब और कैसे हम एक-दूसरे के जीवन का अभिन्न अंग बन गए। दोस्ती के मामले में दोनों अंतर्मुखी और आश्चर्यजनक रूप से पुराने जमाने की चीजों को पसंद करने वाले थे। दोनों हमारी अपनी छोटी सी निजी दुनिया में रहते थे।'

कैंडी की दुकान पर वो बच्चा बन जाता था 

महेश अपनी पोस्ट में आगे लिखते हैं, 'इतनी सारी यादें, हमारी यात्राएं, हमारी अंतहीन बातें (वो दुनिया की किसी भी चीज के बारे में बात कर सकता था, वो भी बराबरी के साथ), खाना, फिल्म्स, किताबें, प्रकृति, विज्ञान, रिश्ते और भी बहुत सारी बकवास... कैंडी की दुकान पर वो बच्चा बन जाता था और वो असीम ऊर्जा जो असीमित सपनों से सजी हुई थी, हमेशा दूसरों को प्रभावित करती थी।'

13 साल की दोस्ती 

अपनी दोस्ती के बारे में वो लिखते हैं, 'उसने मुझे प्यार का अहसास कराया। हम एक अनोखा बंधन शेयर करते थे और मुझे हमेशा से इस बात की खुशी थी कि हमारे रिश्ते को किसी भी सार्वजनिक प्रदर्शन या सार्वजनिक मान्यता की जरूरत नहीं है। ये हम दोनों के लिए पवित्र था। काश मैंने इसे ढेर सारे फोटोज में कैद किया होता, ताकि कम से कम अब मेरे पास पीछे मुड़कर देखने के लिए कुछ होता, लेकिन फिर भी मैं आभारी हूं कि कम से कम मेरे पास संजोने के लिए पिछले 13 वर्षों की यादों से भरी यात्रा है, जो मेरे जीवन के बाकी हिस्सों के लिए है।'

जीनियस था वो

महेश, सुशांत को जीनियस घोषित करते हुए लिखते हैं, 'उसकी सफलता, उसकी उपलब्धियां, उसका काम... वो हमेशा एक परफेक्शनिस्ट था और मैं चाहे कितना भी कह लूं, मैं कभी ये नहीं बता पाऊंगा कि वो कितना बड़ा जीनियस था। मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितनी खुशी होती थी, जब मैं हर बार उनकी फिल्म को बड़े पर्दे पर देखता था। वो कड़ी मेहनत करते हुए अपने दिन-रात उन किरदारों के पीछे लगा देता था। वो मेरे आसपास के लगभग सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा था और ये बात मुझे और भी गर्व महसूस कराती है। वो हमेशा आंखों में सपने लिए जीवन से भरा था, जो भी उससे प्यार करता था, वो खुद-ब-खुद ही मेरे परिवार का हिस्सा भी बन जाता था और वो हमेशा उसी तरह रहेगा।'

खेती करने का सपना 

महेश ने आगे लिखा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था भाई कि मैं कभी आपके लिए ये सब लिखूंगा। यहां हम रिटायरमेंट के बाद की योजनाएं बनाते हुए खेती करने के सपने देख रहे थे और अब ये... पता नहीं क्यों लेकिन मुझे हमेशा से पता था कि तुम पर उसका आशीर्वाद है... लेकिन कभी उम्मीद नहीं की थी कि वो तुम्हें इतनी जल्दी ले जाएगा। मैं तुम्हारी विरासत को हमेशा अपने दिल से लगाए रखूंगा और इसे बेकार नहीं जाने दूंगा।'

न भरने वाली खालीपन 

सुशांत के जाने के दुख को बयां करते हुए महेश लिखते हैं, 'काश दुनिया तुम्हारे जीवन का बिलकुल उसी तरह से उत्सव मनाती, जैसे तुम्हारे काम का। ऐसा लग रहा है जैसे अचानक कोई खालीपन आ गया है, जो कभी नहीं भरेगा। हमारे जीवन की हर महत्वपूर्ण घटना के लिए हम हमेशा एक-दूसरे के लिए खड़े रहते थे। यदि आपके दिल का एक टुकड़ा अचानक आपसे दूर हो जाए, तो आप इसे कैसे बताओगे। कैसे आप खुद को तमाम क्यों और अन्य सैकड़ों सवालों और किंतु-परंतु के बीच जीने के लिए मनाओगे?'

बात तो कर लेता यार

बात न कर पाने का मलाल भी छलका। वो लिखते हैं, 'माफ करना, लेकिन अब मैं हमेशा के लिए बहुत सारी शिकायतें रखूंगा। काश तुमने किसी तरह अपना दिल पूरी तरह खोलकर रख दिया होता। तुम्हें पता था शेट्टी है और तेरे साथ हमेशा रहेगा। तब क्यों??? बात तो कर लेता यार। मैं वास्तव में सोचता हूं काश किसी तरह तुमने कामिनी के जरिये से फोन कर लिया होता... जीवन कभी भी एक जैसा नहीं रह सकता। मुझे पता है तुम सितारों से कितना प्यार करते थे... धरती मां की कसम, मैं तुम्हें हर रात उनमें तलाश करूंगा भाई।'


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