Radhe Movie Review: सलमान खान की 'ईदी' है फीकी

सलमान खान की फिल्म 'राधे :योर मोस्ट वॉन्टेड भाई' रिलीज़ हो गई। सलमान ने अपना 'कमिंटमेंट' पूरा कर दिया। प्रभुदेवा के निर्देशन में बनी यह फिल्म थिएटर के साथ सिनेमाघरों में भी उतरी है। प्रभुदेवा के साथ सलमान की यह तीसरी फिल्म है। सलमान के अलावा फिल्म में दिशा पाटनी, जैकी श्रॉफ, रणदीप हुड्डा, गौतम गुलाटी सरीखे कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं।

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फिल्म : राधे :योर मोस्ट वॉन्टेड भाई

निर्माता : सलमान खान फिल्म्स, ज़ी स्टूडियोज़

निर्देशक : प्रभु देवा

कलाकार : सलमान खान, दिशा पाटनी, जैकी श्रॉफ, रणदीप हुड्डा, गौतम गुलाटी

जॉनर : एक्शन

रेटिंग : 2/5

बीते साल से ईद पर रिलीज़ होने जा रही 'राधे' इस साल के ईद पर दर्शकों के सामने आखिर आ ही गई। एक्शन से भरपूर इस फिल्म में सलमान के किरदार का सामना तीन खूंखार विलेन्स से होता है। यह जंग किस बात की है, एक्शन के अलावा और क्या है...फिल्म 'वॉन्टेड' से क्या लेना-देना है। चलिए सभी सवालों के जवाब तलाशते हैं।

कहानी

फिल्म 'राधे: योर मोस्ट वॉन्टेड भाई' की कहानी है 'राधे' नाम के पुलिस ऑफिसर की। राधे (सलमान खान), जो मुंबई का बेहतरीन ऑफिसर है, जिसने दस सालों में 97 एनकाउंटर किए हैं और 23 ट्रांसफर हुए हैं। इस ऑफिसर का काम करने का अपना ही तरीका है, वो अपने अंदाज़ में ही अपराधियों को मुंबतोड़ जवाब देता है। फिल्म में राधे की एंट्री किसी सुपरहीरो की तरह होती है। पूरे शहर पर जब ड्रग्स माफिया ने अपना शिकंजा कस लिया है, तो इससे निजाद दिलाने के लिए सस्पेंड राधे को दोबारा ड्यूटी पर बुलाया जाता है। अब इन ड्रग्स माफिया का जिम्मा राधे के सिर है और वो अपने अंदाज में सबका काम तमाम करने को तैयार है।

फिल्म में राणा (रणदीप हुड्डा), गिरगिट (गौतम गुलाटी) और लोटा (संगे शेल्त्रिम) खलनायक के किरदार में नजर आ रहे हैं। वहीं फिल्म में फिल्म में अविनाश (जैकी श्रॉफ), जो राधे के सीनियर और दीया (दिशा पाटनी) के भाई बने हैं।

समीक्षा

सलमान खान की फिल्मों का एक सेट पैटर्न बन चुका है। इस पैटर्न से न तो सलमान निकलना चाहते हैं और ना ही कोई निर्देशक उन्हें निकालने की कोशिश करना चाहता है। मामला तो यह है कि उनकी सलमानियत का गुब्बारा लगातार फूलता जा रहा है।

ख़ैर, लौटते हैं फिल्म पर। कोरियन फिल्म 'द आउटलॉज' की रीमेक कही जा रही फिल्म में आपको स्क्रिप्ट के नाम पर 'ज़ीरो' ही मिलेगा। लगता है मेकर्स ने न तो मूल फिल्म देखी है, ना ही आइडिया और स्क्रिप्ट पर समय दिया है। फिल्म को 'वॉन्टेड' का फील देने की कोशिश की गई है, लेकिन मामला जमा नहीं।

डायरेक्टर के कहे अनुसार चलने वाले कलाकारों को 'डायरेक्टर्स एक्टर' कहा जाता है, लेकिन सलमान खान के मामले में यह उल्टा हो जाता है। उनकी फिल्मों में 'डायरेक्टर्स एक्टर' के बजाय 'एक्टर्स डायरेक्टर' देखने को मिलता है। यानी फिल्म का निर्देशक वही और उतना ही करता है, जो सलमान की मर्जी हो, सेट पर 'जो हुकूम मेरे आका'।

सलमान ने एक इंटरव्यू में खुद कंफेस किया था कि उन्हें 'एक्टिंग' नहीं आती। हालांकि, गलत भी नहीं है, सलमान को उनके फैन, हर फिल्म में सलमान की ही तरह देखते हैं। इसलिए सलमान और एक्टिंग की बात को छोड़ कर आगे बढ़ते हैं।

फिल्म में सलमान के अलावा दिशा पाटनी, रणदीप हुड्डा, जैकी श्रॉफ, सुधांशु पांडेय, गौतम गुलाटी, गोविंद नामदेव, दर्शन जरीवाला, सिद्धार्थ जाधव, अर्जुन कानूनगो, विश्वजीत प्रधान, प्रवेश राणा, शावर अली, इहाना ढिल्लन सरीखे कलाकार हैं, लेकिन प्रभुदेवा ने सभी को थोक में ही निबटा दिया। प्रभुदेवा ने दर्शकों को किसी भी किरदार को समझने का मौका नहीं दिया। सब एक-एक करके आए और गए, समझ नहीं आया कि आए क्यों, फिर गायब कहां हो गए।

हालांकि, बाकी सितारों के रेले में रणदीप हुड्डा के खाते में कुछ स्पेस आया है। उन्हें फिल्म में देख कर लगा, जैसे सत्तर-अस्सी के दशक का कोई विलेन निकल कर सीधे आ गया है। हेयर स्टाइल से लेकर चाकूबाजी और कॉस्ट्यूम भी ठीक वैसा ही है।

दिशा पाटनी फिल्म की लीडिंग लेडी हैं, लेकिन उनके लिए कुछ खास करने को नहीं था। इस फिल्म के बाद उन्हें खुद के बारे में गहन विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि वो धीरे-धीरे सिर्फ शो-पीस बनती जा रही हैं।

ख़ास बात

 यह है कि 'राधे' को आपने मात्र ढाई सौ में घर बैठे देख लिया। यदि थिएटर जाते, तो पक्का दो-तीन हज़ार का खर्चा हो ही जाता। ऐसे में सलमान खान को थैंक्स कहिए। बाकी फिल्म में एक्शन, रोमांस, कॉमेडी सब है, जिससे एक मसाला फिल्म तैयार होती है। लेकिन यदि आप अच्छा सिनेमा देखने के शौकीन हैं और सलमान के डायहार्ट फैन नहीं है, तो फिर रहने दीजिए, यह फिल्म आप झेल न पाएंगे।

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