करीना-सैफ़ के बेटे ‘तैमूर’ पर हंगामा क्यों ?

करीना कपूर खान ने मंगलवार की सुबह बेटे को जन्म दिया। करीना और सैफ़ अली खान ने अपने बेटे का नाम रखा तैमूर अली खान। जहां एक तरफ नवजात और उसके माता-पिता को बधाई संदेश मिल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ‘तैमूर’ नाम पर एतराज़ जता रहे हैं।

करीना और सैफ़ अली खान ने अपने बेटे का नाम रखा तैमूर अली खान
मुंबई। बॉलीवुड सितारों की पल-पल की ख़बर रखने को बेताब लोग कई बार अपनी हदें ही भूल बैठते हैं। आज फिर वैसा ही कुछ हुआ। मंगलवार सुबह अभिनेत्री करीना कपूर और अभिनेता सैफ अली खान के घर बेटे का जन्म हुआ। दोनों ने आम अभिभावक की ही तरह उसे एक नाम दिया, ‘तैमूर अली खान’। 

मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में जन्मे नवजात के माता-पिता की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘हम आपके साथ हमारे बेटे तैमूर अली खान के 20 दिसंबर, 2016 को - जन्म की शानदार ख़बर बांटते हुए बेहद खुशी महसूस कर रहे हैं।

पिछले नौ महीनों के दौरान हमें समझने और हमें दिए गए प्यार के लिए मीडिया और खासतौर पर लगातार प्यार देते रहने के लिए हमारे प्रशंसकों और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। आप सभी को क्रिसमस और नए साल की बहुत शुभकामनाएं’।

जहां एक तरफ इस नन्हें मेहमान के आने से परिवार के साथ फिल्म इंटस्ट्री में खुशी का माहौल है, वहीं कुछ लोग बच्चे का नाम ‘तैमूर’ रखे जाने से खफ़ा से हैं। 

अधिकतर लोग 'तैमूर' नाम से सिर्फ उस मुस्लिम बादशाह ‘तैमूर लंग’ को याद कर पा रहे हैं, जिसने 14वीं शताब्दी के अंत में हिन्दुस्तान (दिल्ली की सल्तनत) पर हमला किया था और जिसे लाखों गैर-मुस्लिमों को कत्ल करवाने का दोषी माना जाता है। बस फिर क्या सोशल मीडिया पर इस नाम को खारिज करने की वकालत तेज़ हो चली। 

किसी ने ट्वीट में लिखा है कि सैफ़-करीना ने अपने बच्चे का नाम ‘तैमूर’ रखना बिलकुल वैसा ही है, जैसे किसी यूरोपियन का अपने बच्चे का नाम हिटलर रखना। 

वहीं एक अन्या ट्वीट में कहा गया कि क्या नाम चुना है, ‘तैमूर’ को बर्बर हमलावर के रूप में याद किया जाता है, जिसने प्राचीन शहरों को मिट्टी में मिला दिया और उनकी पूरी आबादी को तलवार से काट डाला। 

बात यहीं ख़त्म नहीं हुई। बल्कि एक चेतावनी भरे ट्वीट में कहा गया कि 18 वर्ष की उम्र में तैमूर ने अपनी मां का सिर कलम कर दिया था और पिता को ज़ंजीरों से जकड़कर जेल में डाल दिया था। सैफ और करीना को अग्रिम संवेदनाएं। 

इसके अलावा सैफ़ हिस्ट्री के नॉलेज पर सवाल उठाते हुए एक यूज़र ने लिखा है कि क्या सैफ़ अली खान को नहीं मालूम है कि तैमूरलंग कौन था...? हमारे लिए यह नाम बर्बरता और विनाश का प्रतीक है। 

‘सैफ़ीना’ के नाम से मशहूर इस जोड़े के नवजात के नाम का मज़ाक उड़ना यहीं नहीं थमा। एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि यह नाम बॉलीवुड के 'जिहादी' होने का सबूत देता है। वहीं एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि तैमूर अली खान...? लगता है, औरंगज़ेब या खलील सुल्तान पहले ही इस्तेमाल कर लिए गए होंगे। 

एक ट्वीट में तो बकायदा जोक बनाकार शेयर किया गया। ट्वीट था कि 15 साल बाद सैफ अली खान अपने बेटे तैमूर से कहते हैं कि बेटा शर्मा जी के बेटे को तुमसे अच्छे मार्क्स मिले हैं। इसके जवाब में तैमूर कहता है कि पापा, उसका नाम भी मुझसे अच्छा है। 

इन सभी नाराज़गी से भरे ट्वीट के बीच एक ऐसा भी ट्वीट सामने आया, जिसने इस नाम के बारे में जानकारी दी। उस ट्वीट के अनुसार, ‘तैमूर’ अरबी भाषा से उपजा शब्द है, जिसका अर्थ शेर, फौलाद, होता है, और सैफ अली खान को अरबी नाम पसंद हैं, क्योंकि उनके पहले दोनों बच्चों के नाम - सारा और इब्राहीम - भी वैसे ही हैं। 

ये तो रही सिर्फ़ एक बात। अब बात करते हैं दूसरे पहलू की, क्या मशहूर हो जाने का यह मतलब है कि आप से आपके बच्चे का नाम रखने का भी हक़ छीन लिया जाएगा। सितारों से उनके अभिभावक होने का मौलिक अधिकार को छीनना कितना सही है। 

क्या कभी किसी आम इंसान से जाकर किसी ने उसके बच्चे का नाम के मुतालिक सवाल किए हैं। इतिहास गवाह है कई ऐसे नाम हैं, जिनके शाब्दिक अर्थ और व्यक्तिगत व्यवहार अलग ही रहे हैं। सद्दाम के बाद किसी का नाम सद्दाम नहीं रखा गया होगा, क्या किसी ने अपने बच्चे का नाम ओसामा नहीं रखा होगा। 

एक इंसान नाम से पहचान बनाता है, लेकिन एक नाम पर उस शख्सियत की मोहर नहीं लग जाती। 

विरोध करने से पहले, ठहरिए, सोचिए!!!! 

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