जब रफी ने ‘मूड बनाने’ के लिए स्टूडियो में बुलाई लड़कियां

बेहतरीन गायकों में शुमार मोहम्मद रफी काफी शर्मीले कहे जाते थे, लेकिन एक वाकया ऐसा भी हुआ, जिसने सुना वो अचरज में पड़ गया। दरअसल, एक गाने की रिकॉर्डिंग से ऐन पहले मोहम्मद रफी ने स्टूडियो में ‘खूबसूरत लड़कियों’ को बुलाने की फरमाइश कर डाली। गाने के बेहतरी के लिए संगीतकार को रफी की यह फरमाइश माननी भी पड़ी। इस क़िस्से को विस्तार से आज हम मोहम्मद रफी की 37वीं पुण्यतिथि पर आपसे साझा करने जा रहे हैं।

RD Burman and Mohammad Rafi during rehersal of song
मुंबई। ‘दिल का सूना साज़ तराना ढूंढेगा, तीर-ए-निगाहे नाज़ निशाना ढूंढेगा, मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा...’ इस गाने को गाने वाले मोहम्मद रफी को फानी दुनिया को अलविदा कहे कुल 37 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों पर उनका सिक्का चलता है। आज इस ख़ास मौक़े पर उनकी ज़िंदगी से जुड़ा एक क़िस्सा हम साझा करने जा रहे हैं।

दरअसल, फिल्म ‘तुमसे अच्छा कौन है’ का एक गाना रिकॉर्ड किया जाना था। गाना था ‘किस-किस को प्यार करूं...’। संगीतकार शंकर-जयकिशन ने इस गाने की सिचुएशन समझाते हुए रफी से कहा, ‘मामला यह है कि फिल्म का हीरो यानी शम्मी कपूर एक क्लब में है और वो खूब सारे फोन से घिरा हुआ है। सभी फोन पर लड़कियां हैं और सब शम्मी कपूर को प्यार करती हैं और सभी के प्यार के लिए शम्मी हामी भी भरते हैं।’

अब जब रफी ने इस गाने की सिचुएशन को समझा, तो उन्होंने कहा, ‘देखो यदि मैं इमेजिन करूं और उसे जस्टिफाई करना चाहूं, तो स्टूडियो में कुछ खूबसूरत चेहरे बुलाए जाने चाहिए। यह गाने के लिए बेहतर होगा।’

शंकर-जयकिशन को रफी की यह फरमाइश अटपटी लगी, लेकिन मरता क्या न करता। इसलिए इस संगीतकार जोड़ी ने कुछ खूबसूरत लड़कियों को स्टूडियो में बुलाया।

अब रफी की फरमाइश पूरी तो हो गई, लेकिन दूसरी मुश्क़िल खड़ी हो गई। दरअसल, रफी स्वभाव से काफी शर्मीले थे। अब जब खूबसूरत चेहरों से पूरा स्टूडियो भर गया, तो मारे शर्म के उनके गले से आवाज़ ही नहीं निकल पा रही थी।

रफी की हालत देख शंकर-जयकिशन को पसीने छूट रहे थे। इस स्थिति से निकलने का उपाय भी रफी ने ही सुझाया। रफी ने शंकर-जयकिशन से कहा, ‘कुछ ऐसा इंतज़ाम नहीं हो सकता कि मैं तो इन लड़कियों को देख सकूं, लेकिन ये सब मुझे न देख पाएं।’

फिर ऐसी व्यवस्था की गई कि रफी साहब तो उन लड़कियों को देख सकते थे, लेकिन वो लड़कियां रफी साहब को नहीं देख पा रही थीं। उसके बाद रिकॉर्ड हुआ गाना ‘किस-किस को प्यार करूं...’। यह गाना क्लब सॉन्ग था और बहुत हिट हुआ था।

...है न ग़जब की पर्देदारी!!!
एक्टर मोहम्मद रफी

कम लोगों को इस बात की जानकारी हो अपने करियर की शुरुआती दिनों में रफी साहब कुछ फिल्मों में बतौर एक्टर भी नज़र आए थे।

दिलीप कुमार के करियर की पहली हिट फिल्म ‘जुगनू’ में मोहम्मद रफी कॉलेज गोइंग बॉय की भूमिका में नज़र आए थे। यह फिल्म 1947 में रिलीज़ हुई थी।

इससे पहले रफी साल 1945 में आई फिल्म ‘लैला मजनूं’ के एक गाने ‘तेरा जलवा जिसने देखा’ में भी नज़र आए थे।

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