आइए जानते हैं दिव्या भारती से जुड़ी कुछ 'अनसुनी' कहानियां

किसी बहती बयार सी आई और फिर अचानक कहीं गुम हो गई। वो गई और अपने पीछे कई क़िस्सों को अधखुला ही छोड़ गई। आज भी उसकी बात कुछ यूं होती है, जैसे 'कल ही की बात हो'। हम बात कर रहे हैं दिवंगत अभिनेत्री दिव्या भारती की। आज उनका बर्थ-डे है। दिव्या के बर्थ-डे पर उनके फैन्स के लिए उनसे जुड़े कुछ अनसुने किस्सों को गुलदस्ता लाए हैं।

Remembring Divya Bharti on her birthday

हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में बेहद कम समय में खुद को साबित करने वाली अदाकारा दिव्या भारती ने अचानक ही इस फानी दुनिया को अलविदा कह दिया। 25 फरवरी 1974 में मुंबई में जन्मी दिव्या भारती उम्र के 19वें पड़ाव पर दुनिया को अलविदा कह गईं। 5 अप्रैल 1993 में अपने अपार्टमेंट की खिड़की से गिर कर उनकी मृत्यु हो गई थी। तेलुगू, तमिल और हिन्दी में उन्होंने अपने करियर में तकरीबन 21 फिल्मों में काम किया।

ख़ैर, आज उनका बर्थ-डे है। ऐसे में उनसे जुड़े कुछ ऐसे क़िस्से, जो शायद ही आपने सुने हो, वो हम बटोर कर लाए हैं।

गोविंदा की फिल्म से निकाली गई दिव्या

गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार फिल्म बना रहे थे, जिसका नाम था 'राधा का संगम'। इस फिल्म में सबसे पहले दिव्या भारती को साइन किया गया और उनसे डांस एंड एक्टिंग का क्लासेस लेने की सख्त हिदायत दी गई। दिव्या काफी खुश थी और जी-जान से मेहनत करने में जुट गईं, लेकिन कुछ ही दिनों में उनके ऊपर बज्रपात हुई। दरअसल, अचानक कीर्ति कुमार ने दिव्या की जगह जूही चावला को कास्ट कर लिया। दिव्या ने खुद को फिल्म से बाहर करने का कारण पूछा, तो निर्देशक ने कहा, 'तुम्हारा व्यवहार बच्चों जैसा है और फिल्म बहुत गंभीर है।

दिव्या की 'वो' बात

हिन्दी फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत दिव्या ने सनी देओल की फिल्म 'विश्वात्मा' से की थी, जो सुपरहिट फिल्म थी। इसके बाद लॉरेंस डिसूज़ा की फिल्म 'दिल का क्या कसूर' आई, जो टिकट खिड़की पर बेदम रही। तब एक इंटरव्यू में दिव्या ने कहा था, 'मैं खुद को साबित करना चाहती हूं। अभी मैं नीचे गिर रही हूं, तो अब बारी है कि मैं फिर से शुरुआत करूं और ऊपर चढ़ूं। पॉजिटीव एप्रोच के साथ आगे बढ़ूंगी, तो कामयाबी ज़रूर मिलेगी।'

तेलुगू से प्रेम

एक तरफ बॉलीवुड में सफलता प्राप्त कर रही थीं, तो दूसरी तरफ अपने तेलुगू फैन्स का भी वो बखूबी खयाल रखती थीं। हिन्दी फिल्मों में काम करने के साथ साल में एक तेलुगू फिल्म वो ज़रूर किया करती थीं। बता दें सनी देओल की फिल्म 'विश्वात्मा' से करियर शुरू करने वाली दिव्या ने सुनील शेट्टी, ऋषि कपूर, गोविंदा और शाहरूख खान जैसे कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर किया है।

अधूरी फिल्मों की लंबी लिस्ट

यह तो तकरीबन सबको पता है कि फिल्म 'लाडला' की आधे से ज्यादा शूटिंग दिव्या भारती ने कर ली थी, लेकिन उनके अचानक निधन के बाद यह फिल्म श्रीदेवी के साथ दोबारा शूट किया गया।

ख़ैर, 'लाडला' ही नहीं बल्कि 'कर्तव्य', 'आंदोलन', 'दिलवाले', 'मोहरा' और 'विजयपथ' भी दिव्या की अधूरी फिल्मों की फेहरिस्त में हैं। वहीं कुछ फिल्में ऐसी भी थीं, जिनको दिव्या ने साइन तो किया, लेकिन उनकी शूटिंग शुरू नहीं हुईं। इसी वजह से वो फिल्में न बनी, न रिलीज़ हुईं। उन फिल्मों में अक्षय कुमार के साथ 'परिणाम', सलमान खान के साथ 'दो कदम', ऋषि कपूर के साथ 'कन्यादान', सनी देओल के साथ 'बजरंग' और जैकी श्रॉफ के साथ 'चाल पे चाल' थीं।

अब इस आंकड़े से आप अंदाज़ा लगा लीजिए कि दिव्या की उन दिनों कितनी ज्यादा डिमांड थी। हर फिल्ममेकर उनके साथ फिल्म करना चाहता था, तभी तो वो उस समय इंडस्ट्री की सबसे महंगी अभिनेत्री बन गई थीं।

वहीं दिव्या भारती के निधन के बाद उनकी दो फिल्में रिलीज़ हुई थीं, जिनमें 'रंग' को सफलता मिली, लेकिन 'शतरंज' कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। बता दें कि इन फिल्मों की शूटिंग पूरी हो चुकी थी, लेकिन डबिंग दिव्या नहीं कर पाई थीं, जिसे डबिंग आर्टिंस्ट ने पूरा किया था।

जैसे फिल्म 'लाडला' को श्रीदेवी ने पूरा किया था, वैसे ही तेलूगू फिल्म 'ठोली मुद्धू' को रंभा ने पूरा किया। वह तेलुगू फिल्म 'अल्लारी प्रेमीकूड़ु' में 'भवानी' का किरदार निभाने वाली थीं, लेकिन अचानक निधन की वजह से यह फिल्म भी रंभा को मिल गई।

साजिद के प्रेम में बनी दिव्या से सना

शादी के ग्यारह महीने बाद ही दिव्या ने दुनिया छोड़ दी, लेकिन उनकी मोहब्बत का दम आज भी उनके पति साजिद नाडियाडवाला भरते हैं। इन दोनों की मुलाकात फिल्म 'शोला और शबनम' के सेट पर हुई थी। धीरे-धीरे दोनों में इश्क हुआ और फिर निजी कार्यक्रम में दोनों शादी कर ली। इस शादी में दिव्या की दोस्त संध्या, संध्या के पति और एक काजी थे। काज़ी ने निकाह पढ़वाया। अब चूंकि साजिद मुसलमान हैं, तो दिव्या ने भी अपना नाम बदल कर 'सना' नाडियाडवाला रख लिया था।

वो मनहूस शाम, जिसने चमकता सितारा छीन लिया

5 अप्रैल 1993 की शाम हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के लिए 'मनहूस' साबित हुआ। अपने घर की बाकनी में बैठी खुश दिव्या, जाम पर जाम लगाए जा रही थीं। खुश थीं, क्योंकि उन्होंने बांद्रा में एक आलीशान फ्लैट अपने माता-पिता और भाई के लिए खरीदा था। दिव्या के साथ इस खुशी में शरीक होने फैमिली फ्रेंड नीता लुल्ला, नीता के पति श्याम आए हुए थे। दिव्या अपनी हाउस हेल्प अमृता से बात कर रही थीं, तभी खिड़की पर दूसरी तरफ पैर लटकाए बैठी दिव्या संतुलन बिगड़ा और वो पांचवीं मंजिल से नीचे गिर गईं।

आनन-फानन में एंबुलेंस बुलाया गया, तब तक तड़पती दिव्या के शरीर से काफी रक्तस्त्राव हो चुका था। अस्पताल पहुंचते-पहुंचे दिव्या दुनिया से विदा हो चली थीं। 7 अप्रैल को हिन्दू रीति-रिवाज़ से उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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