'लावारिस' वो पहली फिल्म थी, जिसमें राखी बनी थी अमिताभ बच्चन की 'मां'

अमिताभ बच्चन की फिल्म 'लावारिस' को रिलीज़ हुए 39 साल हो गए। प्रकाश मेहरा और अमिताभ बच्चन की हिट जोड़ी की इस फिल्म के न सिर्फ गाने, बल्कि इसके डायलॉग भी काफी मशहूर हुए थे। इसलिए 'लावारिस' के डायलॉग्स की कैसेट भी रिलीज़ की गई थी। वहीं फिल्म के गानों को रिमिक्स को खूब रीमेक भी किया गया। जबकि गाना 'मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम' को पहला बार थिएटर में देखकर जया बच्चन काफी नाराज़ हुई थीं। 

amitabh bachchan in song 'apni to jaise taise' from film 'laawaris'
प्रकाश मेहरा और अमिताभ बच्चन की हिट जोड़ी वाली फिल्म 'लावारिस' को रिलीज़ हुए 39 साल हो गए हैं। इस फिल्म के गाने से लेकर डायलॉग्स तक खूब हिट हुए थे। 

वहीं फिल्म में अमजद खान, अमिताभ के पिता की भूमिका में दिखाई दिए, लेकिन क्या आप जानते हैं साल 1981 में अमजद और अमिताभ की साथ में पांच फिल्में रिलीज़ हुई थीं। 

इस फिल्म के निर्देशक प्रकाश मेहरा फिल्म 'लावारिस' को अपनी कहानी कहते थे, क्योंकि पिता होने के बाद भी वो खुद को अनाथ समझते थे।

फिल्म की रिलीज़ एनिवर्सरी पर कुछ रोचक जानकारियां आपसे साझा करते हैं। 

'लावारिस' का 'मेरे अंगने में'

यह गाना फिल्म की पहचान बताई जाती है, लेकिन कम लोगों को पता होगा कि यह गाना इस फिल्म के लिए लिखा नहीं गया था। बल्कि यह तो ओल्ड इंडियन फोक यानी पुराना लोकगीत है, जिस 'लावारिस' से पहले कई फिल्मों में इस्तेमाल किया गया। 

सबसे पहले साल 1970 में आई फिल्म 'बॉम्बे टॉकीज' में इस लोकगीत को फिल्माया गया। फिर साल 1975 में आई फिल्म 'मज़े ले लो' इस गीत को अभिनेता नरेश कनोडिया पर फिल्माया गया था।

इसके बाद फिल्म 'लावारिस' में इसे जोड़ा गया। हालांकि, प्रकाश मेहरा ने पहले से इसे तय नहीं किया था, लेकिन अमिताभ ने इस गाने को फिल्म में जोड़ने के लिए राजी कर लिया और फिर इसे मेल-फीमेल वॉइस में रिकॉर्ड भी किया। जहां राखी के लिए इस गाने को अलका याज्ञिक ने गाया था, जबकि अमिताभ ने अपने वर्जन को खुद गाया था। 

इस गाने को लेकर सौम्य बंदोपाध्याय ने अपनी किताब 'अमिताभ बच्चन' में लिखते हैं, 'प्रिव्यू थियेटर में इस फिल्म को पहली बार देखकर निकला जया, काफी गुस्से में थीं। उन्हें ये गीत और उसके साथ के सीन बहुत अश्लील लगे थे।'

अब जया उस गाने को अश्लील कह रही थीं, जिसे अमिताभ 5 साल की उम्र से सुनते चले आ रहे थे। इसी अश्लीलता और गीत के बोल बाद में इतने लोकप्रिय हुए कि अमिताभ बच्चन के स्टेज शो में ये गाना आकर्षण बन गया। सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में भी। इतना ही नहीं, अभी भी वह जिसकी बीवी छोटी' गाने के समय जया को स्टेज पर बुलाते रहते हैं और जया को भी आना ही पड़ता है। 

राखी जब पहली बार बनी अमिताभ बच्चन की 'मां'

इस फिल्म में राखी ने पहली बार अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभाई थी। हालांकि, इस फिल्म में दोनों का एक साथ कोई सीन नहीं था। वहीं इस फिल्म के रिलीज़ के अगले साल आई फिल्म 'शक्ति' में राखी अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका में दिखाई दीं और इस बार दोनों की साथ में कई सीन्स भी किए। दरअसल, फिल्म 'शक्ति' में अमिताभ बच्चन की 'मां' बनने के लिए इसलिए राजी हुईं, क्योंकि वो दिलीप कुमार के अपोज़िट काम करना चाहती थीं, जो इस फिल्म में अमिताभ के पिता की भूमिका निभा रहे थे। 

हालांकि, बीस साल बाद राखी और अमिताभ बच्चन फिल्म 'एक रिश्ता' में पति-पत्नी की भूमिका में नजर आए। इस फिल्म में दोनों जूही चावला और अक्षय कुमार पैरेंट्स बने थे। 

परवीन बॉबी हुई रिप्लेस 

इस फिल्म में ज़ीनत अमान वाले किरदार के लिए पहले परवीन बॉबी को कास्ट किया गाया था। यहां तक कि उन्होंने अपना पहला शेड्यूल भी शूट कर लिया, लेकिन फिर बिगड़ती तबियत के चलते उनको रिप्लेस कर ज़ीनत अमान को कास्ट किया गया। 

राखी और 'कैमियो'

देव आनंद को छोड़ कर राखी किसी की भी फिल्म के लिए गेस्ट अपीरियंस यानी कैमियो नहीं करती थीं। देव आनंद की फिल्में 'जोशीला'. 'हीरा पन्ना' और 'लूटमार' में राखी ने छोटी भूमिकाएं की हैं, लेकिन उन्होंने फिल्म 'लावारिस' में कैमियो करने के लिए हामी भर दी। 

दरअसल, इसके पीछ अमिताभ बच्चन का हाथ है। राखी की दूसरी पारी की शुरुआत फिल्म 'कभी कभी' से हुई थी, जो कहा जाता है कि अमिताभ के कहने पर राखी को कास्ट किया गया था। ऐसे में अमिताभ के लिए उन्होंने फिल्म में 'कैमियो' करने की रजामंदी दे दी। 

राकेश सेठी ने की मदद 

अभिनेता राकेश सेठी ने फिल्म के कुछ हिस्सों को शूट किया। दरअसल, एक आउटडोर शेड्यूल के समय प्रकाश मेहरा काफी बीमार हो गए, तब राकेश शेठी ने गाने और सीन्स का पूरा किया। इस बात से खुश होकर प्रकाश ने अपनी फिल्म 'घुंघरू' में बतौर निर्देशक ब्रेक दिया। 

अमजद खान और अमिताभ 

मजेदार बात यह है कि साल 1981 में अमिताभ और अमजद खान पांच फिल्में रिलीज़ हुई थीं और वह थीं 'लावारिस', 'नसीब', 'कालिया', 'बरसात की एक रात' और 'याराना'।

मनमोहन देसाई का तंज

प्रकाश मेहरा अक्सर मनमोहन देसाई का मज़ाक उड़ाते हुए कहते थे कि उनकी फिल्में 'मिलना-बिछड़ना' के प्लॉट पर ही बेस्ड रहती हैं। इस फिल्म के बाद मनमोहन देसाई ने भी प्रकाश पर तंज मारते हुए कहा था कि यदि उनको इस फॉर्मूले से इतनी दिक्कत थी, तो फिर अपनी फिल्म 'लावारिस' को इसी फॉर्मूले पर क्यों बनाया। 

राखी और प्रकाश मेहरा के बीच तनाव

इस फिल्म के दौरान राखी और प्रकाश मेहरा के बीच तनाव बढ़ गया था। दरअसल, स्पेशल अपीरियंस के लिए राखी को सेट पर आना था, लेकिन वो उस दिन बिना कारण दिए ही नदारत थी। राखी का यह सीन अमजद खान के साथ था, जो उन दिनों बेहद व्यस्त रहते थे। ऐसे में दोबारा डेट मैच कर पाना मुश्किल था। प्रकाश मेहरा ने इंतज़ा करने के बाद उन्हें फोन किया, तो उधर से राखी के परिवार के सदस्य ने फोन उठा कर कहा कि कुछ कारणों की वजह से राखी फोन के पास नहीं आ पा रही हैं। इस से प्रकाश मेहरा खासे खफा हो गए। 

राखी को रिप्लेस करने का प्लान भी बनाया। एक्ट्रेस पद्मिनी कपिला ने राखी वाली भूमिका करने के लिए प्रकाश मेहरा से कहा भी लेकिन प्रकाश ने यह कह कर मना कर दिया कि उनको अपनी फिल्म में स्टार ही चाहिए।

हालांकि, राखी ने प्रकाश मेहरा को रिटर्न में कॉल किया और कहा कि बोस्की यानी मेघना गुलज़ार की तबियत खराब होने के कारण वो शूट पर नहीं आ पाई। प्रकाश मेहरा ने राखी के इस एक्सक्यूज़ को मान तो लिया, लेकिन राखी ने बिलकुल ऐसा ही बहाना फिल्म 'मुकद्दर के सिकंदर' के दौरान भी बनाया था।

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