'रामायण' के 'भरत मिलाप' सीन में खूब हुई थी कॉमेडी

रामानंद सागर की 'रामायण' के 'लक्ष्मण' अका सुनील लहरी ने बताया कि 'भरत मिलाप' सीक्वेंस की शूटिंग के वक्त सेट पर जम कर कॉमेडी हुई थी। इमोशनल सीन को शूट करते वक्त सेट पर जम कर कॉमेडी हुई। 

sunil lahri 'lakshman' of ramanand sagar's 'ramayan'
दूरदर्शन के बाद स्टार-प्लस पर रामानंद सागर की 'रामायण' का दोबारा प्रसारण हो रहा है और दर्शक इसे काफी पसंद कर रहे हैं। 

वहीं इस धारावाहिक में 'लक्ष्मण' की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी बिहाइंड द सीन के दिचचस्प किस्से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर रहे हैं। 

इसी कड़ी में 'भरत मिलाप' सीक्वेंस से जुड़ी बातें उन्होंने शेयर की। बुधवार को इस धारावाहिक में 'भरत मिलाप' सीक्वेंस टेलीकास्ट किया गया। 

सुनील लहरी ने बताया कि वैसे तो यह एपिसोड काफी इमोशनल था, लेकिन इसकी शूटिंग के समय काफी कॉमेडी हुई थी। 

वह कहते हैं, 'जब भरत और निषादराज आपस में गले मिलते हैं, तो उस वक्त निषादराज भाला छोड़ कर भरत से गले मिलते हैं। भरत डर गए कि कहीं यह भाला उन्हें न लग जाए। हालांकि, भाला उनको नहीं लगा, लेकिन भरत का डर उस सीन में विजिबल था।'

वहीं इस सीक्वेंस के दूसरे किस्से के बारे में बात करते हुए कहते हैं, 'जब लक्ष्मण और शत्रुघ्न एक-दूसरे से गले मिलते हैं, तो शत्रुघ्न के कान के कुंडल लक्ष्मण के बालों में फंस जाते हैं। दरअसल, बाल बड़े-बड़े थे, जिसकी वजह से यह हो रहा था।शॉट 2-3 बार कट किया गया। आखिर में सागर साहब ने फैसला किया कि शत्रुघ्न के उस तरफ के कान दिखेंगे नहीं, तो उधर के कुंडल निकाल दो। इसके बाद वह सीन पूरा हुआ।'

इसी सीक्वेंस के तीसरे किस्से के बारे में सुनील लहरी कहते हैं, 'एक सीन में माताएं हमसे मिलने आती हैं। मेरे पीछे तरकश बांधा हुआ था। इस दौरान मैं जब एक माता के पैर छूकर उठता हूं और दूसरी माता की ओर घूमता हूं, तो मेरा तरकश, जिसमें तीर थे वो ऋषि वशिष्ठ की दाढ़ी में अटक जाता है। यह सीन भी काफी फनी था। इसके बाद हमने थोड़ा संभल कर सीन शूट किया था।'


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