आरडी बर्मन को महमूद ने धोखे से बनाया था एक्टर

आर डी बर्मन सिर्फ संगीतकार और गायक ही नहीं थे, बल्कि उन्होंने कुछेक फिल्मों में अभिनय भी किया था। यानी आप कह सकते हैं कि पंचम दा सिर्फ कंपोज़र, सिंगर ही नहीं बल्कि एक्टर भी थे। महमूद की फिल्म 'भूत बंगला' में उनसे धोखे से एक्टिंग करवाई गई, तो फिर नासिर हुसैन की फिल्म 'प्यार का मौसम' में भी वो कॉमेडी करते दिखे। पंचम दा के बर्थडे पर जानिए उनके एक्टर बनने का दिलचस्प क़िस्सा...

R D Burman with mehmood in film 'Bhoot Bangla'
महमूद अपनी फिल्म 'भूत बंगला' की शूटिंग कर रहे थे। इसी बीच आर डी बर्मन को फिल्म के सेट पर मिलने के लिए बुलाया। कुछ देर बाद महमूद ने पंचम दा को एक नई ड्रेस दी और कहा, 'जाओ इसे पहन लो।' 

महमूद की यह बात पंचम दा को अजीब लगी, लेकिन अब प्यारे और अच्छे दोस्त ने कहा है, तो फिर वो ज्यादा ना-नुकुर किए बिना ड्रेस बदलने चले गए। चेंज करने के बाद महमूद के मेकअप रूम में आकर बैठ गए। 

अब दोनों में बातें होने लगी, तभी पीछे से किसी ने एक बाल्टी पानी आर डी बर्मन के ऊपर उड़ेल दिया। खुद के साथ अचानक हुई इस घटना से पंचम दा तमतमा गए। गुस्से में पीछे पलट कर देखा, तो पाया महमूद के भाई उस्मान हैं। 

अब आर डी कुछ कहते। इस से पहले उस्मान ने कहा, 'अब कुछ नहीं हो सकता। आपको कैमरे के सामने कुछ देर के लिए खड़ा होना पड़ेगा। सेट पर बारिश का एक शॉट देना है, आपको वो शॉट देना होगा।'

उस्मान और महमूद की बात आर डी ने मान ली। शॉट दिया और वह इतना उम्दा शॉट था कि सेट पर खड़े लोग तालियां बजाने लगे। थोड़ी देर बाद महमूद और उस्मान मेरे पास आए और कहा, 'अब तो तुम फंस गए, क्योंकि फिल्म का हिस्सा बन गए हो।'

भौचक्के से आर डी बर्मन दोनों को देखते रहे और पूछा, 'फंस गया, कैसे?' इसका जवाब मिला, 'फिल्म का हिस्सा बन गए हैं, तो आधे में इसे नहीं छोड़ सकते। फिल्म को पूरा करना ही होगा।'

इस तरह से म्यूजिक कंपोज़र, सिंगर आर डी बर्मन का बतौर एक्टर डेब्यू हो गया। इस पूरे क़िस्से का खुलासा खुद आर डी में एक इंटरव्यू के दौरान किया था। 

बता दें फिल्म 'भूत बंगला' साल 1965 में रिलीज़ हुई थी। इसमें आर डी छोटी सी भूमिका में नज़र आए। वहीं इस फिल्म के चार साल बाद यानी साल 1969 में नासिर हुसैन की फिल्म 'प्यार का मौसम' में भी आर डी बर्मन बतौर एक्टर नज़र आए। फिल्म में वो राजेंद्र कुमार के किरदार 'झटपट सिंह' के असिस्टेंट के रूप में दिखे, लेकिन उनके एक्ट को काफी पसंद किया गया था। इस किरदार के लिए उन्होंने गर्ल्स स्विमसूट भी पहना था। 

महमूद ने दिया था आर डी बर्मन को  ब्रेक 

आर डी बर्मन को ब्रेक महमूद ने अपनी फिल्म 'छोटे नवाब' से दिया था। साल 1961 में आई फिल्म आर डी की बतौर संगीतकार पहली फिल्म है। इसका क़िस्सा भी दिलचस्प है। हुआ यूं कि महमूद फिल्म 'छोटे नवाब' के लिए एस डी बर्मन को बतौर संगीतकार साइन करने गए थे, लेकिन एस डी बर्मन ने कहा कि वह व्यस्त हैं। तभी महमूद की नज़र आर डी पर पड़ी, जो तबला बजा रहे थे। उसी वक्त महमूद ने आर डी को अपनी फिल्म में बतौर संगीतकार साइन कर लिया। 

आर डी बर्मन ने हिंदी फिल्मों के संगीत में 60 से 80 के दशक में एकछत्र राज किया है। इस दौर में केवल गानों के हिट होने से ही फिल्में हिट हो जाया करती थीं। आरडी बर्मन आज भी फिल्म इंडस्ट्री का एक अहम हिस्सा हैं। उनके गानों को आज भी गुनगुनाया जाता है। पंचम दा का म्यूजिक से ऐसा बेजोड़ नाता था कि वो मरते दम तक म्यूजिक ही बनाते रहे थे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी आखिरी फिल्म '1942 अ लव स्टोरी' रिलीज हुई थी। इस फिल्म के लिए पंचम दा को फिल्मफेयर के बेस्ट म्यूजिशियन अवॉर्ड भी दिया गया था।

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