विक्रम मस्तल को 'सिंदूरी हनुमान' बनने में दो घंटे और मेकअप रिमूव करने में लगते थे 4 घंटे

आनंद सागर की 'रामायण' में पहली बार दर्शकों को 'सिंदूरी हनुमान' पर्दे पर देखने को मिले थे, लेकिन इस सीन को शूट करना इतना आसान नहीं था। इस धारावाहिक में 'हनुमान' बने विक्रम मस्तल ने इस गेटअप के लिए काफी मेहनत की। विक्रम को चार किलो सिंदूर-घी के लेप लगाया जाता था, जिसमें दो घंटे का समय लगता था। वहीं शूट हो जाने के बाद यह सिंदूर-घी को लेप शरीर से निकालना एक अलग मुश्किल काम था। 

Vikram mastal as 'Hanuman' in 'ramayan'
आनंद सागर ने साल 2008 के 'रामायण' बनाया था, जिसमें गुरमीत चौधरी, देबिना बोनर्जी और विक्रम मस्तल को 'राम', 'सीता' और 'हनुमान' की भूमिका में नज़र आए थे। 

वहीं ऐसा पहली बार था, जब आनंद सागर के 'रामायण' में दर्शकों को ‘सिंदूरी हनुमान’ देखने का मौका मिला था। इससे पहले कभी भी 'हनुमान' का यह रूप पर्दे पर दर्शकों को देखने के लिए नहीं मिला था।

लॉकडाउन के बाद आनंद सागर द्वारा निर्मित 'रामायण' दर्शकों को एक बार फिर से देखने को मिल रहा है। ऐसे में इस धारावाहिक के निर्माण के दौरान घटे रोचक किस्से भी साझा कर रहे हैं। 

उन्हीं किस्सों में से एक है 'सिंदूरी हनुमान' का किस्सा। अब जैसा की पहले ही बता चुके हैं कि पर्दे पर कभी भी दर्शकों को 'सिंदूरी हनुमान' देखने को नहीं मिले थे, लेकिन आनंद सागर यह करने जा रहे हैं। 

इसके लिए 'हनुमान' की भूमिका निभा रहे अभिनेता विक्रम मस्तल को दो घंटे लगाकर तैयार किया जाता था, जिसमें उनके शरीर पर चार किलो सिंदूर-घी का लेप लगाया जाता था। 

इस बारे में 'रामायण' के क्रिएटिव हेड रहे शाहब शम्सी ने बताया, 'अब तक लोगों ने 'सिंदूरी हनुमान' नहीं देखा था। यह हनुमान का एक 'रूप' है, जिसके बारे में लोग जानते हैं, लेकिन इसे कभी भी दिखाया नहीं गया। इसलिए, हमने हनुमान के भक्तों को यह दिखाने का फैसला किया। अभिनेता विक्रम मस्तल को सिंदूरी रंग से रंगना था, जो एक मेहनत भरी प्रक्रिया थी और ये मेकअप टीम के लिए पूरे शूट के दौरान मेकअप को बनाए रखना एक चुनौती का काम था। यह विक्रम के लिए भी एक समस्या बन गई, क्योंकि वह कहीं बैठ नहीं सकता था और किसी चीज़ को छू नहीं सकता था वरना पूरा मेकअप खराब हो जाता।'

वहीं 'सिंदूरी हनुमान' की भूमिका निभाने वाले विक्रम मस्तल ने कहा, 'मेकअप टीम ने लगभग 4 किलो सिंदूर घी के साथ मिलाकर मेरे पूरे शरीर पर लगाया। इस सिंदूर प्रक्रिया में लगभग 2 घंटे लगे। मुझे यह सुनिश्चित करना था की मैं कुछ छू न लू वरना मेकअप खराब हो सकता था। जब शॉट खत्म हो गया, तो मेकअप टीम को पूरी तरह सिंदूर हटाने में 8 घंटे लगे। सिंदूर हटाने की प्रक्रिया ज़्यादा थकान देने वाली थी।'

'सिंदूरी हनुमान' का अध्याय 'हनुमान' के स्नेह और भगवान राम के प्रती प्यार के महत्व पर जोर देता है । भगवान राम की दीर्घायु और खुशी के लिए, हनुमान ने सोचा कि सिन्दूर को अपने शरीर पर लगाने से भगवान राम अमर हो जाते।

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