हंसल मेहता गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर पर बनाएंगे वेब सीरीज़

'शाहिद', 'ओमार्ट' सरीखी फिल्मों का निर्देशन करने वाले हंसल मेहता अब उत्तर प्रदेशक के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर पर एक वेब सीरीज़ बनाने जा रहे हैं। हाल ही में में पोलरॉइड मीडिया के सहयोग से निर्माता शैलेश आर सिंह की कर्म मीडिया एंड एंटरटेनमेंट ने इसके राइट्स खरीदे हैं। शैलेश आर सिंह ने इससे पहले 'तनु वेड्स मनु', 'शाहिद', 'ओमार्टा' और 'जजमेंटल है क्या' सरीखी फिल्मों का निर्माण किया है। 

Hansal Mehta and Shailesh R Singh web series on Gangster Vikas Dubey
गैंगस्टर ड्रामा फिल्म्स हो या फिर वेब सीरीज़ इन्हें लेकर दर्शक कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहते हैं। हाल के दिनों में देखा जाए, तो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 'सेक्रेड गेम्स', 'मिर्ज़ापुर', 'रंगबाज' सरीखी वेब सीरीज़ ने धूम मचा रखी है।

अब इस कड़ी में एक और गैंगस्टर की कहानी देखने को जल्दी ही मिल सकती है। दरअसल, हंसल मेहता उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर प वेब सीरीज़ बनाने जा रहे हैं। 

'ओमार्टा', 'शाहिद' का निर्देशन कर चुके हंसल मेहता विकास दुबे एनकाउंटर पर बेस्ड इस वेब सीरीज़ का निर्देशन करेंगे, तो वहीं इसे शैलेश आर सिंह इसे प्रोड्यूस करने वाले हैं। 

पोलरॉइड मीडिया के सहयोग से निर्माता शैलेश आर सिंह की कर्म मीडिया एंड एंटरटेनमेंट ने इसके राइट्स खरीदे हैं। 'तनु वेड्स मनु', 'शाहिद', 'अलीगढ़', 'ओमार्टा' और 'जजमेंटल है क्या' सरीखी फिल्मों का निर्माण करने वाले शैलेश ने विकास दुबे की कहानी के अधिकार हासिल कर लिए हैं।

वहीं बताया जा रहा है कि इस सीरीज़ की कहानी विकास दुबे से जुड़ी तमाम घटनाओं पर आधारित होगी। 

इस बारे में शैलेश आर सिंह ने कहा, 'मैं पूरी कहानी को समाचार एजेंसियों और अन्य माध्यमों से काफी बारीकी से फॉलो कर रहा हूं। 8 पुलिसकर्मियों की हत्या ने राष्ट्र को हिलाकर रख दिया और विकास दुबे के 7 दिन के सफर की शुरुआत हुई, जिसको आखिरकार एक मुठभेड़ में मरते देखा। मैंने सोचा कि क्यों ना इस कहानी को पूरे देश को सुनाया जाए और कुछ वास्तविक तथ्यों को सामने लाया जाए और इस कहानी को बताने के लिए गहराई तक जाया जाए। मैं इस कहानी को बताने के लिए वास्तव में उत्सुक हूं।'

वहीं निर्देशक हंसल मेहता ने कहा, 'मौजूदा समय का यह एक अहम घटनाक्रम है, जिसमें राजनीति, अपराध और कानून बनाने वालों की साफ परछाई देखने को मिल रही है। मुझे इसमें एक पॉलिटिकल थ्रिलर दिखाई दे रहा है। यह दर्शकों को सुनाने-दिखाने के हिसाब से एक दिलचस्प कहानी है।'

ग़ौरतलब है कि 3 जुलाई की रात उत्तर प्रदेश पुलिस के डीएसपी देवेंद्र मिश्रा पुलिस टीम के साथ कानपुर के चौबेपुर इलाके में स्थित बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए थे, लेकिन वहां पर छतों से चलीं ताबड़तोड़ गोलियों से 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गये, जिनमें डीएसपी मिश्रा भी शामिल थे।

यूपी सरकार ने दुबे की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 5 लाख रुपये ईनाम का एलान किया था। 9 जुलाई को दुबे को उज्जैन को महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। 10 जुलाई को सुबह उसे जिस गाड़ी में कानपुर लाया जा रहा था, उसका एक्सीडेंट हो गया। फरार होने की कोशिश करते हुए दुबे एनकाउंटर में मारा गया था।

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