टीवीएफ की 'एस्पिरेंट्स' पर लगा कंटेंट चोरी का आरोप

टीवीएफ ने हाल ही में 'एस्पिरेंट्स' नाम की वेब सीरीज़ जारी की। इस सीरीज को दर्शकों ने खूब पसंद किया, लेकिन अब इस सीरीज पर कंटेंट चोरी का इल्ज़ाम लग रहा है। कुछेक दर्शकों ने सीरीज देखने के बाद कहा कि सीरीज़ काफी कुछ कंटेंट नीलोत्पल मृणाल की किताब 'डार्क हॉर्स' से लिया गया जान पड़ता है। अब इस मामले पर नीलोत्पल खुल कर सामने आ गए हैं और उन्होंने टीवीएफ पर कंटेंट चोरी का आरोप लगाया है।

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टीवीएफ ने हाल ही में 'एस्पिरेंट्स' नाम की सीरीज जारी की। इस सीरीज को दर्शकों ने काफी पसंद किया। यूपीएससी प्रतिभागियों पर आधारित कहानी युवा वर्ग को काफी पसंद आ रही है। इस सीरीज में एक आम इंसान के बड़े सपने और उसके संघर्ष को बखूबी दिखाया गया है।

वहीं इस सीरीज को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, इस सीरीज पर कंटेंट चोरी का इल्जाम लगा है। यह आरोप नीलोत्पल मृणाल ने लगाया है।

अपनी पहली किताब 'डार्क हॉर्स' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार जीतने वाले नीलोत्पल मृणाल का दावा है कि 'एस्पिरेंट्स' की कहानी को उनकी किताब के तीस फीसदी हिस्से का इस्तेमाल कर गढ़ा गया है।

इस बारे में नीलोत्पल ने अपने फेसबुक पेज पर लंबी-चौड़ी पोस्ट भी लिखी है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि टीवीएफ की नई सीरिज एस्पिरेंट्स उनकी साल 2015 में आई किताब 'डार्क हॉर्स' पर आधारित है।

वहीं नीलोत्पल ने बताया कि वह सीरिज के डायरेक्टर अरूणभ कुमार से मिले थे और उनका सुझाव दिया था कि उनकी किताब 'डार्क हॉर्स' पर आधारित वेब सीरिज बनाई जा सकती है।

एक वेबसाइट से इस विषय पर बात करते हुए नीलोत्पल ने कहा, 'मीडिया में मेरे बयान को गलत तरीके से बताया जा रहा है। आपके माध्यम से मैं ये साफ तौर पर बताना चाहता हूं कि टीवीएफ वालों ने मेरी कहानी के 30 फीसदी हिस्से से अपनी पूरी सौ फीसदी वेब सीरीज बनाई है। इसलिए उनके सारे एपिसोड मेरी ही किताब का हिस्सा हैं। यदि आप मेरा फेसबुक देखें, तो मैंने ये बात साफ-साफ लिखी भी है, लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों इस बात को लेकर मीडिया वाले कन्फ्यूज हो रहे हैं।

नीलोत्पल कहते हैं, 'जब ये वेब सीरीज रिलीज हुई तो मैंने ये देखी, और पहले ही एपिसोड में मुझे इस बात का अहसास हो गया कि मेरी ही किताब से इस वेब सीरीज का कंटेंट चुराया गया है। फिर जब मैंने इसके सारे एपिसोड देखे तो मेरा शक पूरी तरह से यकीन में बदल गया कि मेरी किताब की मूल आत्मा तो चुरा कर इस वेब सीरीज में डाला गया है।'

उन्होंने आगे कहा, 'हमारे देश में कहानी चोरी को लेकर जो कानून बने हैं उनमें कुछ कमियां हैं, जिनकी वजह से कहानी चुराने वालों को कोर्ट में बचने का मौका मिल जाता है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं कि यदि आपका मुर्गा चोरी हो जाए और आपको तब पता चले जब उस मुर्गे का चिली चिकन बन गया हो तो बताइए कि कितना मुश्किल होगा आपको ये साबित करने में कि वो मुर्गा जिसका चिली चिकन बन गया है वो आपका ही है। ठीक वैसा ही किसी लेखक की कहानी के साथ भी होता है। यदि कोई आपकी कहानी की मूल आत्मा को चुराकर अपना कंटेंट बना ले तो आपको कोर्ट में ये साबित करने में कि वो कहानी आपकी ही है पसीने छूट जाते हैं। इसलिए इस मामले में कोई सख्त कानून बनाने की जरुरत है।'

नीलोत्पल का कहना है, 'मैंने खुद यूपीएससी की तैयारी की है और अपने अनुभवों के आधार पर मैंने ये किताब 'डार्क हॉर्स' लिखी थी और इसी किताब के लिए मुझे साहित्य अकादमी अवॉर्ड मिला था, तो आप समझ सकते हैं कि मेरे लिए ये किताब कितनी मायने रखती है। एक लेखक के लिए उनकी रचना एक बच्चे की तरह होती है, जिसे लेखक जन्म देता है और बाद में जब वो रचना मशहूर हो जाती है तो वहीं रचना लेखक के लिए भरण पोषण का काम करती है। ऐसे में किसी लेखक की रचना चुराना बिलकुल वैसा ही होता है जैसे किसी मां से उसका बच्चा चुराना।'

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