करण जौहर जलियांवाला बाग नरसंहार की सच्चाई लाने वाले लॉयर सी. संकरन नायर पर बनाएंगे फिल्म

करण जौहर 'जलियांवाला बाग' की सच्चाई सामने लाने वाले लॉयर सी संकरन नायर पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। इसकी कहानी 'द केस दैट शुक द एम्पायर' किताब से ली गयी है, जिसे शंकरन नायर के ग्रेट ग्रांडसन रघु पलट और उनकी पत्नी पुष्पा पलट ने लिखा है। वहीं फिल्म का निर्देशन करण सिंह त्यागी कर रहे हैं। जल्दी ही फिल्म की कास्ट कास्ट का ऐलान कर दिया जाएगा और फिल्म की शूटिंग भी जल्दी ही शुरू होने वाली है।

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निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने अपने नए प्रोजेक्ट की घोषणा कर दी है। करण की कम्पनी धर्मा प्रोडक्शन ने अपनें ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी दी। ये फिल्म इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रेजिडेंट सी. संकरन नायर पर आधारित होगी, जिन्होंने जलियांवाला बाग की सच्चाई उजागर की थी।

इस फिल्म का निर्देशन करण सिंह त्यागी करेंगे। फिल्म से बतौर निर्देशक डेब्यू करने जा रहे हैं। फिल्म की कास्ट अभी घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इसकी कहानी, संकरन नायर और उनकी पत्नी पुष्पा पलट के परनाती, रघु पलट की किताब 'द केस दैट शुक द एम्पायर' पर आधारित होगी।

धर्मा प्रोडक्शन में अपने ऑफिशियल अनाउंसमेंट में लिखा, 'ये फिल्म उस ऐतिहासिक कोर्टरूम बैटल को सामने रखेगी, जो संकरन नायर ने जलियांवाला बाग की सच्चाई उघाड़ने के लिए ब्रिटिश राज से लड़ा। संकरन नायर की बहादुरी ने देश भर में आज़ादी के संघर्ष की चिंगारी जला दी और ये सच्चाई ई ताकत के लिए लड़ने की एक गवाह है।'

ट्वीट में आगे लिखा है, 'सी. संकरन नायर, एक ऐतिहासिक व्यक्ति की, अनकही कहानी को बड़ी स्क्रीन पर लाने के लिए बहुत एक्साइटेड और सम्मानित महसूस कर रहा हूं।'

जलियांवाला बाग की हिस्ट्री

जलियांवाला बाग नरसंहार भारतीय स्वतंत्रता इतिहास की सबसे जघन्य और हिला देने वाली घटना है। इसे अमृतसर नरसंहार के नाम से भी जाना जाता है। 13 अप्रैल 1919 को यह घटना हुई थी। स्वतंत्रता सेनानी डॉ. सैफुद्दीन किचलू और डॉ. सत्य पाल की गिरफ्तारी के विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग में बड़ी तादाद में भीड़ शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने पहुंची थी। इसे रोकने के लिए ब्रिटिश कमांडिंग ब्रिगेडियर-जनरल डायर ने अपने सिपाहियों से पूरा बाग घिरवा लिया था।

उस बाग से निकलने का सिर्फ एक रास्ता था, क्योंकि बाग तीनों तरफ भवनों से घिरा हुआ था। एक ही निकास रोकने के बाद जनरल ने भीड़ पर गोलियां चलाने के आदेश दिये थे। गोलियों से बचने के लिए प्रदर्शनकारियों में भगदड़ मच गयी। ब्रिटिश सिपाही तब तक गोलियां चलाते रहे, जब तक कि गोलियां खत्म नहीं हो गईं। इस क्रूरतम कार्रवाई में कम से कम 379 लोग मारे गये थे और 1200 से अधिक घायल हुए थे। इस हत्याकांड से रवींद्र नाथ टैगोर इतना विचलित हुए कि अपनी ब्रिटिश नाइटहुड की उपाधि का त्याग कर दिया।

इस घटना का बदला लेने के लिए स्वतंत्रता सेनानी सरदार ऊधम सिंह ने साल 1940 में इसके मास्टर माइंड माने जाने वाले पंजाब के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर को लंदन में जान से मार दिया था। सरदार ऊधम सिंह पर भी एक फ़िल्म बन रही है, जिसमें विक्की कौशल ऊधम सिंह के रोल में हैं और शूजित सरकार इसका निर्देशन कर रहे हैं।

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