दिग्गज अभिनेता चंद्रशेखर का निधन

बीते जमाने के दिग्गज अभिनेता चंद्रशेखर का 98 साल की उम्र में निधन हो गया था। बतौर जूनियर आर्टिस्ट करियर की शुरुआत करने वाले चंद्रशेखर ने अपने करियर में तकरीबन 250 फिल्मों में काम किया। रामानंद सागर के धारावाहिक 'रामायण' में 'सुमंत' की भूमिका में नज़र आए। यहां तक कि वो ग्यारह साल तक सिंटा के अध्यक्ष रहे।

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दिग्गज अभिनेता चंद्रशेखर का 16 जून बुधवार को निधन हो गया है। वे 98 साल के थे। बतौर जूनियर आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत करने वाले चंद्रशेखर ने 250 फिल्मों के अलावा कई धारावाहिकों में भी काम किया। रामानंद सागर के धारावाहिक 'रामायण' में 'सुमंत' की यादगार भूमिका निभाई। यहां तक कि ग्यारह साल तक वो सिंटा के अध्यक्ष भी रहे।

चंद्रशेखर के बेटे अशोक ने बताया, 'पापा का नींद में निधन हो गया। उन्हें अपने स्वास्थ्य के साथ कोई समस्या नहीं थी। वे पिछले गुरुवार को एक दिन के लिए अस्पताल में थे। हम उन्हें घर वापस लाए और ऑक्सीजन सहित सभी सुविधाएं भी लेकर आए थे, ताकी जरुरत पड़ने पर कोई परेशानी ना हो। वे कल रात भी ठीक थे। उनका अंत शांतिपूर्ण रहा। हम आज शाम 4 बजे विले पार्ले के पवन हंस में उनका अंतिम संस्कार करने की योजना बना रहे हैं।'

उल्लेखनीय है कि टीवी एक्टर शक्ति अरोड़ा, चंद्रशेखर के पोते हैं। साल 2019 में शक्ति ने उनके साथ एक तस्वीर शेयर की थी। इसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा था, 'मेरे दादाजी की सबसे अच्छी मुस्कान।'

हैदराबाद में जन्मे चंद्रशेखर ने फिल्ममेकर वी. शांताराम की साल 1953 में रिलीज हुई फिल्म 'सुरंग' में पहली बार बतौर हीरो नज़र आए। इसके बाद वो 'कवि', 'मस्ताना', 'बरादरी', 'काली टोपी लाल रूमाल', 'स्ट्रीट सिंगर' जैसी कई फिल्मों में बतौर लीड हीरो के तौर पर नजर आए।

फिर जब बतौर हीरो उन्हें काम मिलना कम हुए, तो वो चरित्र अभिनेता बन गए। 60 और 70 के‌ दशक में 'कटी पतंग', 'हम तुम और वो', 'अजनबी', 'महबूबा', 'अलग-अलग', 'शक्ति', 'शराबी', 'डिस्को डांसर', 'नमक हलाल', 'द बर्निंग ट्रेन', 'संसार', 'हुकूमत' सरीखी फिल्मों में चरित्र भूमिकाएं निभाई।

गौरतलब है कि 'गेट वे ऑफ इंडिया', 'फैशन', 'बरसात की रात', 'बात एक रात की', 'अंगुलीमाल',' रुस्तम-ए-बगदाद', 'किंग कॉन्ग' और 'जहां आरा' जैसी फिल्मों में चंद्रशेखर द्वारा निभाईं चरित्र भूमिकाएं लोगों द्वारा काफी पसंद की गईं थीं।

वहीं ग्यारह साल तक सिंटा के अध्यक्ष भी रहे। इस बारे में सिंटा के संयुक्त सचिव अमित बहल ने कहा, 'यह एक बड़ा नुकसान है। चंद्रशेखर सर, आशा पारेख, मिथुन दा, अमरीश पुरी, अमजद खान और राम मोहन ने ही हमारे ऑफिस की नई बिल्डिंग के लिए सरकार से जगह ली थी, जो अब बनने वाली है। हम उद्घाटन में उनकी उपस्थिति के लिए बहुत उत्सुक थे, लेकिन भाग्य की अन्य योजनाएं थीं।' चंद्रशेखर ने साल 1985 से साल 1996 तक सिने आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सिंटा) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था।

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