आमिर खान की ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ भी हुई बॉलीवुड की लंबी फिल्मों में शुमार

हाल ही आमिर खान के होम प्रोडक्शन की आठवीं फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ का ट्रेलर रिलीज़ किया गया। फिल्म में आमिर एक संगीतकार की भूमिका में हैं, हालांकि वो इस फिल्म में मेहमान भूमिका में ही हैं। इसके अलावा ख़ास बात यह है कि फिल्म कुल 4 घंटे 16 मिनट की है। अब इस लंबी फिल्म को दर्शक कितना पसंद करते हैं, वो तो बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट ही बताएगी। 

सीक्रेट सुपरस्टार में आमिर खान
मुंबई। बॉलीवुड में इस सितारे को बॉक्स ऑफिस पर सौ प्रतिशत सफलता की गारंटी कहा जाता है। अब वो अपनी होम प्रोडक्शन की आठवीं पेशकश ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ के रूप में लेकर आया है। 

जी हां, सही पहचाना आपने हम बात कर रहे हैं अभिनेता आमिर खान की। आमिर के होम प्रोडक्शन की अगली पेशकश है ‘सीक्रेट सुपरस्टार’, जिसमें मुख्य भूमिका में हैं ज़ायरा वसीम और इस फिल्म का निर्देशन आमिर के मैनेजर रहे अद्वैत चंदन ने किया है। 

ट्रेलर लॉन्च के मौक़े पर अद्वैत और आमिर दोनों ने ही कहा था कि फिल्म ‘दंगल’ की वजह से तक़रीबन आठ महीने देरी से आ रही है। ख़ैर, इस फिल्म को लेकर आमिर काफी आश्वस्त हैं। वहीं जो बात चौंकाने वाली है, वो है फिल्म की लंबाई। 

बता दें कि ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ कुल चार घंटे सोलह मिनट की है। इतनी लंबी फिल्म दर्शकों को ऊबाऊ लगती है, लेकिन आमिर ने इतनी लंबाई को स्वीकृति दी है, तो फिर कोई बात तो ज़रूर होगी। 

हालांकि, हिंदी सिनेमा जगत में लंबी फिल्मों को लेकर फिल्मकार कुछ ख़ास रूचि नहीं रखते हैं। अमूमन एक घंटा बीस मिनट से लेकर दो या ढाई घंटे की समयावधि वाली फिल्में बनती हैं, लेकिन बॉलीवुड में पांच घंटे तक की भी फिल्में बन चुकी हैं। 

आइए डालते हैं बॉलीवुड की लंबी फिल्मों पर नज़र...

संगम

साल 1964 में आई फिल्म ‘संगम’ उस वक़्त की ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी। इस फिल्म में राज कपूर न सिर्फ अभिनेता थे, बल्कि इसके निर्मात-निर्देशक की कुर्सी भी उन्होंने ही संभाल रखी थी। इस फिल्म की लंबाई तीन घंटे 58 मिनट का था। 

एक करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 12 करोड़ की कमाई की थी। इसकी शूटिंग वेनिस, रोमस पेरिस और स्विटज़रलैंड सरीखे देशों में हुई। यह राज कपूर की पहली रंगीन (कलर्ड) फिल्म थी। इस फिल्म के लिए राज कपूर को बेस्ट डायरेक्टर का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला, वहीं वैजयंती माला को बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर ख़िताब से नवाज़ा गया।

मेरा नाम जोकर

साल 1970 में आई राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ भी बॉलीवुड की लंबी फिल्म में शुमार है। राज कपूर इस मल्टी-स्टारर फिल्म की लंबाई थी चार घंटे चार मिनट और डायरेक्टर्स कट चार घंटे पंद्रह मिनट का था। यह फिल्म दो इंटरवल्स के साथ रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म को ऋषि कपूर की डेब्यू फिल्म भी कहा जा सकता है। 

इस फिल्म को लेकर राज कपूर की बहुत सारी उम्मीदें थी, लेकिन यह फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह फ्लॉप रही। फिल्म के फ्लॉप होने के बाद राज कपूर पर आर्थिक संकट गहरा गए। कहा जाता है कि यह राज कपूर का ड्रीम प्रोजेक्ट था। छह साल तक इस फिल्म के प्रोडक्शन पर काम चलता रहा और तब कहा गया कि यह फिल्म राज कपूर की ज़िंदगी पर आधारित है।

शोले

सबसे पहले बात करते हैं रमेश सिप्पी की फिल्म ‘शोले’ की। साल 1975 में रिलीज़ हुई इस फिल्म की लंबाई कुल 198 मिनट यानी तीन घंटे 18 मिनट थी। वहीं डायरेक्टर्स कट में फिल्म 2014 मिनट लंबी थी। फिल्म ने रिलीज़ के वक़्त तो कुछ ख़ास कमाल नहीं किया, लेकिन बाद में इस फिल्म में हिंदी सिने जगत में क्लासिक फिल्म का दर्जा पा लिया था। 

हर एक डायलॉग ने मुहावरों की शक्ल तो पाई, लेकिन इस फिल्म के खाते में उस साल का सिर्फ एक ही अवॉर्ड दर्ज हुआ। वह अवॉर्ड मिला था फिल्म एडिटिंग के लिए एम एम शिंदे को।

तमस

भीष्म साहनी के उपन्यास पर आधारित फिल्म ‘तमस’ भी लंबी फिल्मों में शुमार है। इस फिल्म में भारत-पाक विभाजन के दौरान हुए दंगों के दर्द को दिखाया गया है। गोविंद निहलानी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘तमस’ साल 1988 में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म चार घंटे 34 मिनट की है, लेकिन 2 इसका डायरेक्टर्स कट 298 मिनट यानी चार घंटे 98 मिनट का था। 

ओम पुरी, दीपा शाही, सुरेखा सीकरी इस फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में थे। इस फिल्म को काफी सराहना मिली और राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था।

एलओसी

साल 2003 में आई जे पी दत्ता की फिल्म ‘एलओसी’ भी बॉलीवुड की लंबी फिल्मों में गिनी जाती है। इस मल्टी स्टारर फिल्म की लंबाई चार घंटे पंद्रह मिनट की थी। जेपी दत्ता के निर्देशन में बनी यह फिल्म कारगिल युद्ध पर आधारित थी। 

इस ‘वॉर ड्रामा’ फिल्म के निर्माता-निर्देशक-स्क्रिप्ट राइटर भी जे पी दत्ता ही थे। अजय देवगन, संजय दत्त, अभिषेक बच्चन, सैफ अली खान, संजय कपूर, सुनील शेट्टी और मनोज वाजपेयी सरीखे कलाकारों से सजी इस फिल्म ने टिकट खिड़की पर औसत प्रदर्शन किया।

गैंग्स ऑफ वासेपुर

अनुराग कश्यप की साल 2012 में आई फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ पांच घंटे 19 मिनट की बनी थी, लेकिन किसी भी थिएटर ने इतनी लंबी फिल्म को रिलीज़ करने से मना कर दिया। इसके बाद फिल्म को दो हिस्सों में बांटने का फैसला लिया गया। लिहाजा, फिल्म दो हिस्सों में रिलीज़ की गई। 

हालांकि, दो हिस्सों में रिलीज़ करने का फायदा फिल्मकार को हुआ। इस फिल्म ने कामयाबी के झंडे गाड़ दिए। डार्क सिनेमा को ट्रेंड में लाने का श्रेय भी अनुराग को जाता है।

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